जौनपुर। सदर विधायक नदीम जावेद के पुश्तैनी गांव पाराकमाल में आज दिन के लगभग दो बजे वर्तमान प्रधान के पुत्र ज़फर सुपारी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। और हत्यारे सरेआम हत्या करने के बाद बड़े ही आराम से निकल गए।प्राप्त ख़बरों के मुताबिक़ खेतासराय थाना के अंतर्गत आने वाले इस गांव में आज जुमे की नमाज़ अदा करने के बाद घर लौटते वक़्त ज़फर की हत्या कर दी गयी। आनन्-फानन में सदर अस्पताल जौनपुर लाया गया लेकिन वो बच न सका। ख़बर मिलते ही स्थानीय पुलिस और आला अफसर मौके पर पहुँच गए। पर अभी तक हत्यारों की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है।दिनदहाड़े हुयी हत्या से इलाके में दहशत व्याप्त है।
Friday, 27 May 2016
Monday, 23 May 2016
रेल मंत्री ने दी जौनपुर वासियों को सौग़ात। सांसद डॉ के.पी. सिंह का प्रयास रंग लाया।
जौनपुर वासियों की बरसों की मांग पूरी हुयी।अब दिनांक 26 मई से बेगमपुरा एक्सप्रेस का ठहराव जौनपुर सिटी स्टेशन पर होगा। वाराणसी से चलकर जम्मूतवी को जाने वाली12237 up और 12238 dn गुरुवार से जौनपुर में रुकेगी। केंद्र सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर रेल मंत्री ने जौनपुर वासियों को ये तोहफा दिया है। पर असल बधाई के पात्र तो सांसद डॉ के पी है जिनके विशेष प्रयास से पहले सुहेलदेव एक्सप्रेस और अब बेगमपुरा एक्सप्रेस का ठहराव संभव हो पाया। इस ट्रेन के ठहराव की मांग बहुत पुरानी है। सामाजिक संगठन लोक चेतना मंच ने विमल सिंह, तनवीर अब्बास शास्त्री और सुभाष कुशवाहा के नेतृत्व में बाक़ायदा अभियान चलाकर तब के सांसद धनंजय सिंह, तूफानी सरोज और नगर विधायक नदीम जावेद को पत्रक सौंप कर 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। जिसमे विभिन्न ट्रेनों के ठहराव, जौनपुर से मुम्बई के लिए ट्रेन चलाने और वरुणा एक्सप्रेस में डिब्बों की संख्या बढ़ाने की मांग की थी। पर नतीजा सिफर रहा। फिर वर्तमान सांसद को चुनाव जीतते ही बधाई के साथ लोक चेतना मंच के प्रतिनिधमण्डल ने पत्रक सौंपा था तभी सांसद ने आश्वासन दिया था की मैं जल्द ही प्रयास कर समस्याओं को दूर करूँगा। अब सांसद जी को बधाई के साथ अनुरोध है की वरुणा में डिब्बों की संख्या बढाने सहित जौनपुर मुम्बई के लिए ट्रेन और जौनपुर सिटी और जंक्शन की समस्याएं दूर कराएं। बेगमपुरा के ठहराव के लिए केंद्रीय रेल मंत्री और सांसद के पी को जनपद वासियों की तरफ से बधाई और धन्यवाद।
Saturday, 21 May 2016
मुस्लिम आरक्षण पर बेवक़ूफ़ बनाना और सच्चर कमेटी भूल जाना। वाह अखिलेश जी वाह।
पिछले चुनाव में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा धरा रह गया उसपर कोई अमल नहीं किया गया। इसलिए की सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू होने से बदतरीन हालात में जी रहे मुसलमानो की शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक हालात में गुणात्मक सुधार होता जो ये सियासत करने वाले नहीं चाहते। सच्चर कमेटी ने माना है कि मुसलमानो के हालात इस मुल्क में अनुसूचित जाति से भी बदतर हैं और यहाँ तक की उन्हें उपर उठाने के लिए आरक्षण की ज़रूरत है। पर आरक्षण ऐसा मुद्दा है कि संविधान संशोधन सामान्यता संभव नहीं दिखता और इस पर हिंदू-मुसलमान का विवाद और सियासत और वोट बैंक की राजनीति ज़रूर संभव है। जो चुनावी वर्ष मे अखिलेश यादव करके वोट बैंक की सियासत और बेवकूफ बनाने का काम ज़रूर कर रहे। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में ढ़ेर सारी सिफारिशें ऐसी हैं जिसे लागू करना राज्य सरकार के अधिकार में है और उसके लागू होने से मुसलमानो की पढाई-लिखाई रोज़गार और जीवन स्तर उपर उठने के चमत्कारिक परिणाम सामने आते। लेकिन ऐसा नहीं किया गया बस मदरसों को अनुदान, कुछ ख़ास मुसलमानो को खुश करना और चुनाव आने पर आरक्षण का शिगूफा छोड़ना ताकि हुकूमत बनी रहे। जो कर सकते वो किया नहीं और जो बस में नहीं उसका ढिंढोरा। वाह अखिलेश जी ये कब तक चलेगा मतदाता जागरूक है और समय पर अपनी ताक़त का एहसास कराता है।
Thursday, 12 May 2016
कामयाबी का एक ही मंत्रा मज़बूत इरादे के साथ लगे रहो- क़ासिम आब्दी आईएस टॉपर।
जिनके इरादे कमज़ोर हों और जो त्वरित सफलता चाहते हों उनके लिये यहाँ कोई जगह नहीं और जिनके इरादे मज़बूत हों, हौसले बुलंद हों और बगैर थके अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए लगे रहना जानते हों, उनके लिए सिविल सर्विसेज से आसान कोई एग्जाम नहीं। ये उदगार हैं सिविल सर्विसेज़ में 186वीं रैंक हासिल करने वाले जौनपुर के सपूत मोहम्मद क़ासिम आब्दी के। हमसे मोबाइल पर हुयी बातचीत में बहुत ही सहज दिखे। बड़ी ही सरलता के साथ पूछे गए हर सवाल का बखूबी के साथ जवाब दिया और बातचीत में ये एहसास हुआ कि क़ासिम वाक़ई एक अच्छे व्यक्तित्व के मालिक हैं, बड़े ही खुश मिजाज़ और देश-समाज के लिए कुछ करने का जज़्बा है। ये पूछने पर की ये इरादा कब बना और किसकी प्रेरणा काम आयी तो क़ासिम का कहना था की बचपन में पापा ने कहा बेटा तुम्हे आईएस बनना है तब मैं जानता भी नहीं था की कैसे क्या होगा पर ये तय कर लिया की बनना है तो बनना है और इस मिशन में माँ, बाप, चाचा और सभी का सहयोग रहा पर असल प्रेरणास्रोत तो मामा जवाद साहब थे जो ख़ुद प्रशासनिक सेवा में रहे। उन्हें तो देखकर ही हौसला मिलता था। साल 2010 में इंजिनीरिंग में सेवा का अवसर मिला पर इन्होंने सिर्फ तैयारी को ही अपना रास्ता चुना। ये पूछे जाने पर की मरहूम ज़फरुल हसन खान और उनके बेटे नैय्यर हसनैन खान के बाद एक लंबे अरसे के बाद आपका चयन इस जनपद के आपकी कम्युनिटी से हुआ तो उनका कहना था की ये बात तो हमें नहीं मालूम थी पर इस बात का कष्ट ज़रूर था की इस सेवा में हमारे जनपद से हर वर्ग के होनहारों का चयन होता है तो हमारे वर्ग से क्यों नहीं और मैंने सोचा था कि क्यों न इस मिथक को मैं ही तोड़ूँ और में सफल रहा। अपने जनपद के नौजवान साथियों के लिये क्या सन्देश है पूछने पर उन्होंने कहा सिर्फ एक मंत्रा पूरी लगन के साथ बगैर थके, डिगे बस लगे रहो कामयाबी आपके क़दम चूमेगी।तो क्या इस बार चयन की उम्मीद थी इस सवाल पर श्री आब्दी ने कहा उम्मीद तो मुझे पिछली बार ही थी पर नाकामयाबी पर कभी हताश न होकर हमेशा नई ऊर्जा से लगा रहा। और इसबार आख़िरकार कामयाबी मिल ही गयी।
Tuesday, 10 May 2016
जौनपुर के क़ासिम आब्दी ने सिविल सेवा में पायी 186वीं रैंक। ख़ुशी की लहर।
जौनपुर के ग्राम अहिरौली विकास खण्ड सिकरारा निवासी मोहम्मद क़ासिम आब्दी ने सिविल सेवा परीक्षा में 186वीं रैंक हासिल कर जनपद का नाम रौशन किया है। इनके पिता मोहम्मद अकबर सतहरिया पेप्सी में तथा चाचा पूर्वांचल विश्विद्यालय में कार्यरत हैं। क़ासिम के चयन से जनपद वासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। श्री क़ासिम को कर्मचारी नेता तनवीर अब्बास शास्त्री, राजा अंजुम हुसैन, डॉ नाज़िर अब्बास, तौक़ीर मेंहदी रिज़वी जमाल(आजमगढ़) सहित समस्त जनपद वासियों ने बधाई दी है।
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