Friday 24 March 2017

वतन परस्तों ने वतन पे मिटने वालों का अज़ीम पैमाने पर मनाया शहादत दिवस।

जौनपुर। यूं तो इस मुल्क में हर रोज़ कोई न कोई आयोजन कार्यक्रम होते रहते हैं। जो अपनी शानो-शौकत भव्यता या फिर अपने मक़सद और कुछ लोगों के लिए जाने जाते हैं। पर 23 मार्च को जौनपुर संघर्ष मोर्चा ने देश के लिए अपने प्राण हँसते-हँसते न्योछावर करने वाले शहीदे-ए-आज़म भगत सिंह, राजगुरु व् सुखदेव की शहादत दिवस ऐसे मनाया जैसे दिल से इन शहीदों याद किया जाना चाहिए। न कोई औपचारिकता न फ़र्ज़ अदायगी और न ही सियासी मक़सद। मक़सद था तो बस इतना कि हम उसका ज़िक्र बाक़ी रखना जिसके ज़िक्र से देशभक्ति के ख़ून में रवानी आ जाये। जिसकी चर्चा से भ्रस्टाचार, आतंकवाद की रूह कांप जाये। जिसके नाम लेने से सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन का जज़्बा बाक़ी और क़ायम रहे। जिसके विचार और चिंतन हमें हर दौर में कामयाबी का रास्ता दिखाएँ। ये मोर्चा प्रमुख सुभाष कुशवाहा और उनके साथियों की नेक कोशिश का ही नतीजा था की समाज के हर तबके के लोगों ने पूरे ख़ुलूस के साथ कार्यक्रम में शिरकत की और साबित किया कि भगत सिंह और उनके विचार आज भी ज़िन्दा हैं। आज़ादी से लेकर आज तक की कोई भी सरकार उनके शहादत दिवस पर अवकाश भी घोषित न कर सकीं। पर भगत सिंह तो हर हिंदुस्तानी के दिल में ज़िन्दा हैं। इस कार्यक्रम में हर साल शिरकत करने वाले हर दिल अज़ीज़ विद्या सागर सोनकर प्रदेश महामंत्री जो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी रहे। मसरूफियत के चलते नहीं पहुँच सके। पर लखनऊ से ही मोबाइल से अपना संबोधन किया। टी डी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अरुण सिंह और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के डॉ अमित वत्स ने भी संबोधित किया। सतवंत सिंह, सभासद अरुण यादव, इरशाद मंसूरी के अतरिक्त महेश सेठ, महावीर पाल अधिवक्ता आदि बड़े पैमाने पर प्रमुख जन उपस्थित रहे।

Sunday 19 March 2017

गिरीश यादव के आम कार्यकर्ता से राज्यमंत्री बनने पर जौनपुर वासियों में ख़ुशी की लहर।

जौनपुर। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्त्ता परंतु लोकप्रिय जुझारू, कर्मठ, संघर्षशील और लोकप्रिय ग्रीश यादव के विधायक बनने से लेकर राज्यमंत्री की शपथ लेने तक के सफ़र को देखकर जनता में ख़ुशी की लहर भी है और हैरत भी । क्योंकि ऐसा सिर्फ और सिर्फ भाजपा में ही संभव है। कल तक शहर  के ख्वाजगी टोला, अल्फास्टीनगंज सहित हर चट्टी चौराहे पर बड़ी ही सहजता से उपलब्ध जनप्रिय व्यक्ति देखते ही देखते विधायक होना और राज्यमंत्री परिषद् में शामिल होना सच भी है और एक मिसाल भी। ये सच है की ग्रीश जी राजनैतिक सफ़र संघर्ष किसी से कम नहीं है। वो जिला पंचायत के सदस्य रहकर जनता की सेवा बख़ूबी कर चुके हैं। सुरेन्द्र जी के विधायक बनने में भी उनकी भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। पर आज तो राजनीति में कामयाब होने के फार्मूले में महँगी चारपहिया वाहन सहित न जाने क्या-क्या है। गिरीश चंद यादव की कामयाबी इस बात का सुबूत है की आम समर्पित कार्यकर्त्ता जुझारू व्यक्ति भी कामयाबी की मंज़िल तय कर सकता है। जनपद वासियों की तरफ से उन्हें ढेर सारी बधाई और शुभकामनायें।

जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ , शपथ ग्रहण समारोह एवं होली मिलन का आयोजन।

लखनऊ। जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह एवं होली मिलन कार्यक्रम दिनाक 20.3.17 को समय अपराह्न 1.30 बजे स्थान जवाहर भवन प्रांगण में संपन्न होगा।जिसमे लोक संस्कृति गौरव सम्मान, गीत एवं ग़ज़ल गायिका डॉ मालविका हरिओम लखनऊ तथा भोजपुरी सिने-अभिनेत्री एवं गायिका निशा पाण्डेय की गरिमामय मौजूदगी कार्यक्रम को चार-चाँद लगाने के लिए काफी है। महासंघ के अध्यक्ष माननीय सतीश पाण्डेय, महामंत्री सुशील कुमार बच्चा तथा कार्यक्रम संयोजक अभय सिंह ने सभी को ह्रदय से आमंत्रित किया है। कर्मचारियों के असली नेता,हर दिल अज़ीज़ संघर्षशील नेतृत्व के मालिक सतीश पाण्डेय जी हर वर्ष होली मिलन कार्यक्रम अपने कर्मठ और बहादुर कर्मचारियों के साथ मिलकर अनूठा और यादगार करते हैं और इस बार ऐतिहासिक जीत का शपथ ग्रहण समारोह भी है। तो सतीश पाण्डेय जी और उनकी बहादुर टीम को अग्रिम बधाई और शुभकामनायें।

पूर्व क्रिकेटर मोहसिन रज़ा ने ली योगी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री की शपथ।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नवनिर्वाचित योगी सरकार के मंत्रिमंडल के एकमात्र मुस्लिम चेहरे के रूप में पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी के प्रवक्ता मोहसिन रज़ा ने बतौर राज्यमंत्री शपथ ली। रणजी ट्रॉफी में यूपी का प्रतिनिधित्व कर चुके मोहसिन रज़ा ने लखनऊ से शिक्षा भी ग्रहण की है। योगी मंत्रिमंडल के एकमात्र मुस्लिम सदस्य होने के नाते श्री रज़ा चर्चा में हैं। और उनके समर्थक प्रदेश भर में मिठाई बाटने और ख़ुशी मनाने में व्यस्त हैं।

Sunday 12 March 2017

मुख्य कोषाधिकारी जौनपुर राकेश सिंह ने दी होली पर्व की बधाई।

जौनपुर। मुख्य कोषाधिकारी जौनपुर राकेश सिंह ने समस्त अधिकारी-कर्मचारी और जनपदवासियों को होली पर्व की शुभकामनायें और बधाई दी है। हमसे बात करते हुये ज़िले के लोकप्रिय और कर्मठ अधिकारी राकेश सिंह ने सभी को रंगों के त्यौहार होली की हार्दिक बधाई देते हुये कहा की समस्त अधिकारीयों- कर्मचारियों के लिए इस वर्ष की होली ज़्यादा खुशियों भरी इसलिए है कि होली के ठीक पहले सभी ने पूरी ज़िम्मेदारी और परिश्रम से निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को कामयाबी के साथ संपन्न कराया।

ईवीएम् मशीन से पहले अपनी कार्यशैली का पुनरावलोकन ज़्यादा अहम् है।

यूपी के विधानसभा के चुनाव में भाजपा के ऐतिहासिक बहुमत प्राप्त करने के फ़ौरन बाद बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईवीएम मशीन की विश्वसनीयता पर मज़बूती के साथ गंभीर सवाल खड़े किये। इसमें दो राय नहीं है कि इससे पहले भी देश के कई नेताओं ने बाक़ायदा इस पर सवाल खड़े किये हैं। और ये बात भी सच है कि अमेरिका जैसे विकसित देश भी इसे छोड़ चुके हैं। तो बेशक इस गंभीर सवाल पर देश में विचार-विमर्श होना चाहिए और नतीजे पर भी पहुचना होगा। क्योंकि जो लोकतंत्र को ख़तरा पैदा करे ऐसी व्यवस्था बनाये रखना मुनासिब नहीं। पर इससे कम अहम् ये नहीं कि बसपा को अपनी पिछले कई वर्षो की कार्यशैली का पुनरावलोकन और समीक्षा गंभीरता पूर्वक करना होगा। सन् 2014 के संसदीय चुनाव में जब प्रदेश की स्थापित पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली अति पिछड़ा साथ छोड़ गया तो लगभग तीन साल के अंतराल में 2017 के चुनाव आने तक ज़िले-ज़िले जाकर कितने कार्यकर्त्ता सम्मलेन किये गए। कार्यकर्ताओं से संवाद मशविरा हुआ ही नहीं और न ही लगातार छोड़ कर जा रहे अतिपिछड़ों के जाने की वजह और उन्हें जोड़ने पर कितना चिंतन मंथन और प्रयास किया गया। तो नतीजा शून्य ही निकलेगा इतना ही नहीं अनुसूचित जाति के लोगों को भी वोटबैंक से ज़्यादा की तरजीह नहीं दी गयी। ऐसे में लोकतंत्र में तानाशाही रवैये से किसी को बहुत दिन बांधे नहीं रखा जा सकता है। जहाँ मान्यवर कांशीराम ने दलित समुदाय के अंदर एक नई जागरूकता पैदा की वहीँ अतिपिछड़े वर्ग की ढेर सारी जातियां जिनकी कोई राजनैतिक पहचान नहीं थी उन्हें खड़ा किया जगाया और जोड़ने का काम किया पर वक़्त के साथ ये सारे लोग धीरे-धीरे साथ छोड़ते गए। टिकटों की तिजारत के इलज़ाम लगते रहे और आज तो अस्तित्व का संकट है। और इन्ही छोड़ कर गए लोगों को मोदी और अमितशाह ने बड़ी ही राजनैतिक चतुराई से अपने साथ जोड़ा और सपा के सिर्फ एक बिरादरी के सत्ता के लाभ लेने और दुरुपयोग ख़िलाफ़ आमजन के ग़ुस्से को अपने पक्ष में इतनी कामयाबी के साथ ले गए कि केंद्र सरकार की विफलताओं की चर्चा न जाने कहाँ गम हो गयी। इतना ही नहीं सपा-बसपा कांग्रेस ने इतना मुसलमान-मुसलमान किया इनके वोट अपने पक्ष में लेने के लिए। उतना बीजेपी का रास्ता और आसान हो गया। बहरहाल सपा-बसपा अब से नहीं जागे तो इनके वजूद क़ायम रहने में भी मुझे शक है। सिर्फ प्रेस वार्ता रैली से काम नहीं चलेगा आमजन और आम कार्यकर्ता से राबता क़ायम करना होगा विशेष् रूप से मायावती जी और बसपा को।