Friday 26 February 2016

मौलाना मिर्ज़ा मोहम्मद अतहर का दिल्ली में इंतेक़ाल।

पूरी दुनिया में अपनी खेताबत के लिए मशहूर मौलाना मिर्ज़ा मोहम्मद अतहर का आज दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में लंबी बीमारी के बाद इंतेक़ाल हो गया है। इस ख़बर को सुनकर पूरी दुनिया में चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गयी है। बेशक इस मुल्क ने एक ऐसा खतीब खोया है जिसकी कोई मिसाल नहीं है। एक अरसे दराज़ से आप मुम्बई की मुग़ल मस्जिद का अशरा पढ़ते थे जो अपने आप में एक मिसाल और मील का पत्थर है। मौलाना की कमी का एहसास हमेशा रहेगा।

Tuesday 23 February 2016

पुरानी पेंशन बहाली के लिए माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रदर्शन।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय नेतृत्व के निर्देश के क्रम में शाखा इकाई ग्रामोदय इंटर कॉलेज के शिक्षकों ने प्रधानाचार्य विनोद कुमार राय के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। सभा को संबोधित करते हुये संघ के प्रांतीय मंत्री रमेश सिंह का कहना था कि ये भी कैसी नीति है की सांसद विधायक तो पेंशन पाते हैं पर देश समाज को दिशा देने वाला शिक्षक ही अब पेंशन से वंचित है। उनका कहना था की कर्मचारियों के साथ मिलकर पुरानी पेंशन की बहाली के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। प्रधानाचार्य विनोद कुमार राय ने भी आंदोलन की मज़बूती पर बल देने की बात कही।इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष डॉ राकेश सिंह,मंडलीय मंत्री डॉ प्रमोद श्रीवास्तव, अरविन्द राय, ज्ञान प्रकाश सिंह, देव प्रकाश मिश्र, अजय कुमार सिंह, गुलाब चंद, ब्रजेश राय, रामकरन और नीरज  आदि काफी तादाद में शिक्षक मौजूद रहे।

Sunday 21 February 2016

डॉ समर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष चुने गए।

हरदिल अज़ीज़ नेता डॉ समर बहादुर सिंह को पूर्वांचल विश्विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष चुने गए। समर बहादुर सिंह के चुने जाने पर शिक्षकों में हर्ष व्याप्त है। श्री सिंह को कर्मचारी नेता तनवीर अब्बास शास्त्री महासंघ के अजय सिंह, अशोक सिंह, माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री रमेश सिंह सहित विभिन्न संघठनो के पदाधिकारियों ने बधाई दी है और कहा की संघ ने एक नायाब अध्यक्ष पाया है। डॉ साहब संघ के लिये ऐतिहासिक कार्य करेंगे ऐसी आशा ही नहीं विश्वास है।

Saturday 20 February 2016

अजय सिंह बने अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष।

 करंट न्यूज़ उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी आंदोलन की पहचान, जुझारू नेता और प्रदेश के कर्मचारी की एक मात्र आस और उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह को वाराणसी सिगरा में हुये सम्मेलन में अध्य्क्ष चुना गया। 19 व् 20 फरवरी को पी एम मोदी के वाराणसी में कर्मचारियों ने हुंकार भरी। केरल, बिहार,तमिलनाडु, मणिपुर,पंजाब,आंध्र प्रदेश, हरियाणा,जम्मू कश्मीर,त्रिपुरा के प्रतिनिधियों के बीच इस सम्मेलन में पारित प्रस्ताव के अनुसार 11 मार्च को केंद्रीय कर्मियों के साथ दिल्ली में रैली तथा 11 अप्रैल को केंद्रीय कर्मियों के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल में राज्य कर्मचारी भी शामिल होंगे। मुख़्य मांगे न्यूनतम वेतन 26000/ तथा पुरानी पेंशन की बहाली आदि है। अजय सिंह के हाथों में कमान सौंपे जाने से देश भर के राज्य कर्मियों में हर्ष व्याप्त है।

राष्ट्रभक्त कौन और राष्ट्र द्रोही कौन। ये तय कौन करेगा ?

देशभक्त-देशद्रोही,राष्ट्रभक्त-राष्ट्रद्रोही, देश के दुश्मन कौन आजकल इसके प्रमाण पत्र ख़ूब बंट रहे हैं।जो हमारे हिसाब से चले हमें अच्छा लगे वो राष्ट्रभक्त और जो हमें ख़राब लगे वो राष्ट्रद्रोही।जबकि ज़ाहिर सी बात है जो वतन से मुहब्बत करे वो राष्ट्रप्रेमी, राष्ट्रभक्त और जो देश में रहकर भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो राष्ट्रद्रोही। पर ये काम संविधान और क़ानून का है वही तय करेगा और सज़ा भी वही देगा।पर कुछ लोग संविधान और क़ानून से ऊपर उठ कर ख़ुद ये तय कर रहे हैं। अब उन्हें क्या कहा जाय। ये विशेष अधिकार उन्हें किसने दिया। क्या मुल्क का नेज़ाम अब वही चलाएंगे।और प्रचारतंत्र इतना मज़बूत है कि देश में जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय की ऐसी तस्वीर पेश की जा रही है  मानो ये राष्ट्रद्रोह का अड्डा हो। क्या ये उचित , न्यायसंगत और विधिसंगत है ?

Wednesday 17 February 2016

अजूबी है एक दीवार जो ग़रीबों की है मददगार।



अक्सर दीवार बटवारे और नफरत का कारण बनती है। पर एक ऐसी दीवार जो प्रतीक है जनसेवा की। जी हाँ जनसेवा की दीवार।जो ग़रीबों को खाना कपड़ा कम्बल सब मुहैया कराती है वो भी बगैर शर्मिंदा हुये और फ़ोटो भी नहीं खिचवानी पड़ती। जी हाँ जहाँ एक तरफ लोग अगर चंद गरीबों को कम्बल आदि बांटते हैं तो न जाने कितनी फ़ोटो का खिचना, अख़बारों, मिडिया में प्रचार और भरी महफ़िल में उस ग़रीब को शर्मिंदा होना पड़ता है पर क्या करे। लेकिन ईरान में एक ज़बरदस्त शुरवात हुयी जब एक दीवार पर रंग- पेंट कर लिखा गया। (wall of kindness) यानि नेकी की दीवार। खूँटी पर कपडे टांगे गए कि जो भी ज़रुरत मंद हो कपड़े ले जाएँ। फिर क्या था ये सिलसिला चल निकला पूरे ईरान में जगह-जगह दीवारों पर कपडे, गर्म कपडे कम्बल आदि टांगे जाने लगे। ग़रीब की मदद भी और बिना शर्मिंदा हुये और प्रचार भी नहीं। इतना ही नहीं दीवारों पर वायरिंग कर जगह-जगह फ्रीज़ भी रखी गयी जिसमे ब्रेड मक्खन और खाने के सामान रखे गए। ज़रूरतमंद ले जाने लगे और बहैसियत रखने लगे और ज़बरदस्त ठण्ड में ईरान के ग़रीबों की मदद नायाब तरीके से हो रही है। ऐसे जज़्बे को सलाम, ऐसी कोशिश को सलाम, ऐसे नायाब तरीके को सलाम। जो पूरी दुनिया में एक मिसाल है। तो है न अजूबी दीवार जो गरीबों की है मददगार।

Tuesday 16 February 2016

विधानसभा उपचुनाव के नतीजे सपा के लिए शुभ संकेत नहीं।



उत्तर प्रदेश की तीन विधान सभा बीकापुर, देवबंद और मुज़फ्फरनगर के उपचुनाव के नतीजे सपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। मिशन 2017 की तैयारी को करारा झटका है। बीकापुर में मित्रसेन की सहानभूति की लहर और पूरी ताकत झोंकने के बावजूद जिस तरह सपा को जीत मिली वो प्रसन्न होने की नहीं बल्कि चिंतन करने का संकेत है।देवबंद और मुज़फ्फरनगर में हराकर कांग्रेस और भाजपा ने सपा की नींद उड़ा दी है। आमतौर से उपचुनाव सत्ताधारी दल के पक्ष में जाते हैं। पर जब आज ये हाल है तो 2017 के आम चुनाव में जनता का आक्रोश नई कहानी लिखेगा । अब देखना ये है कि अब से इन नतीजों से सबक़ लेकर कर्मचारी-शिक्षक किसान-अल्पसंख्यक और आम जन के लिए सरकार कुछ करेगी। या फिर कुछ ख़ास लोगों की ही सरकार बन कर रहेगी। नतीजों के असर से जनता का कुछ भला हो जाय।देखिये क्या होता है।

Wednesday 10 February 2016

जौनपुर के दोहरे की प्लास्टिक थैली पर प्रतिबन्ध नहीं ?

जौनपुर। जहाँ एक तरफ प्रदेश सरकार द्वारा प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन के बाद से शासन-प्रशासन हरकत में है।जिसका असर दिखने लगा है। सब्ज़ी, फल, किराना और जनरल स्टोर के दुकानदारों ने प्लास्टिक थैली रखना छोड़ दिया है और अख़बार के डोंगे और कपडे के झोले रखना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं लोगों ने भी घर से बाहर निकलने के पहले घर से झोला, थैला लेकर चलना भी शुरू कर दिया है।पर दोहरे की प्लास्टिक थैली पर मानो प्रतिबन्ध ही न हो। आज भी धड़ल्ले से मोटी प्लास्टिक की थैली में भर कर बिना किसी ख़ौफ़ के खुलेआम इसकी बिक्री हो रही है। ये कैसा क़ानून की रोज़मर्रा के इस्तेमाल के सामान की प्लास्टिक थैली पर रोक और मीठे ज़हर दोहरे की प्लास्टिक थैली पर रोक का असर नहीं। एक ऐसा धंधा जिसका न कोई मानक न रजिस्ट्रेशन न टैक्स फिर भी ये गोरखधंधा जारी है। और अब प्लास्टिक थैली बे ख़ौफ़ इस्तेमाल को क्या कहा जाय।

Sunday 7 February 2016

ज़ुल्म और आतंकवाद के ख़िलाफ़ राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक प्रदर्शन।

लखनऊ। ज़ुल्म और आतंकवाद के ख़िलाफ़ आज राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक आसिफी (बड़े इमामबाड़े) में शहर के मज़लूमों और हकपरस्तों ने तारीख़ी प्रदर्शन किया। मौक़ा था शहीद शेख़ बाकिर अल निम्र की चालीसवें की मजलिस का  ऐसा लगता था मानो शहर का एक-एक बाशिंदा इस प्रदर्शन में शामिल हो। शहर के कोने-कोने से जूक दर जूक जो लोगों के आने का सिलसिला शुरू हुआ वो मजलिस ख़त्म होने तक जारी रहा। ये तारीख़ी और विशालकाय इमामबारगाह भी जैसे इस आतंकवाद विरोधी प्रदर्शन के लिये छोटी पड़ गयी। कहीं भी तिल रखने की जगह बाक़ी नहीं थी। यहाँ तक की भारी संख्या में लोग सड़क पर खड़े रहे। मजलिस उल्माए हिन्द की तरफ से आयोजित इस मजलिस को ख़िताब करते हुये इस संगठन के महासचिव मौलाना सयैद कल्बे जवाद नक़वी का कहना था की शहादत वो असलहा है जिससे क़ातिल अपना गला ख़ुद काट लेता है। मौलाना का कहना था की शेख़ बाकिर का ख़ून बेकार नहीं जायेगा रंग लाएगा। सऊदी अरब पूरी दुनिया में बेनक़ाब हो चुका है। आतंकवाद ज़ुल्म और उसकी पोषक सऊदी हुकूमत का विनाश तय है। क्योंकि शेख़ बाकिर व्यक्ति नहीं विचार थे। विचार कभी मरता नहीं यही विचार ज़ुल्म के ख़ात्मे और क्रांति का कारण बनेगा। मौलाना ने चुनौती देते हुये कहा की हम हर क़ुर्बानी देने को तैयार हैं पर आतंकवाद का सफाया करके रहेंगे। मौलाना ने कहा कि आतंकवाद के हमदर्दों और मदद करने वालों को भी नेस्तनाबूद होना है।मजलिस को आलिम अहले सुन्नत मौलाना खुर्शीद अनवर, मौलाना रज़ा हुसैन, हबीब हैदर आब्दी, मोहम्मद मियां आब्दी, स्वामी सारंग जी आदि ने  भी संबोधित किया। लखनऊ शहर और बड़ा इमामबाड़ा ज़ुल्म और आतंकवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक प्रदर्शन और क्रन्तिकारी आगाज़ का गवाह बना। 

Friday 5 February 2016

जौनपुर की बदलती तस्वीर के प्रतीक डी एम भानुचंद्र गोस्वामी।

शिराज़-ए-हिन्द जौनपुर जो अपने गौरवशाली इतिहास के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।परन्तु बदलते वक़्त के साथ ये विकास की दौड़ में पिछड़ता चला गया।बरसात में सड़कों पर जलजमाव,नालों-नालियों का पट जाना,उनपर अवैध कब्ज़ा कर निर्माण, संकरी सड़कें,जाम, चौराहों की बिगड़ी शक्ल, मनमाने बेशुमार अतिक्रमण और सौन्दरीकरण के नाम पर तो मानो कुछ भी नहीं। पूरे शहर में हरियाली और पार्क के नाम पर सिर्फ शाही किला। पर जौनपुर की तस्वीर बदलने का काम तो मालिक ने जिलाधिकारी भानुचंद गोस्वामी के हाथों लिखा था।सड़कों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण का ध्वस्तीकरण, नालों और नालियों का जीर्णोद्धार, सौन्द्रियकरण की नई तारीख़ लिखने और जौनपुर की तस्वीर बदलने , एक ख़ूबसूरत शहर बनाने को मानो उन्होंने मिशन बना डाला। जो बग़ैर ज़बरदस्त इच्छा शक्ति के ये मुमकिन नहीं था।पूरे शहर में ये कार्य प्रोजेक्ट और वॉर लेवल पर चल रहा है।और रात-दिन इस कार्य पर नज़र बनाये रखना, स्थल निरीक्षण, मीटिंग, और कठोर परिश्रम के नतीजे अब दिखने लगा है।पार्कों का निर्माण, नए पुल के दोनों तरफ जोगियापुर में लिंक मार्ग का निर्माण,बिजली के खम्भों का उचित स्थान पर शिफ्टिंग आदि। अब बस कुछ वक़्त और बीतने दीजिये आप-अपने शहर को पहचान नहीं पाएंगे।और हरे-भरे, ख़ूबसूरत और साफ-सुथरे सुसज्जित और व्ययवस्थित शहर जिस पर हर जौनपुर वासी को फ़ख्र होगा उसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ लोकप्रिय डी ऍम जौनपुर भानुचंद गोस्वामी जी को जाता है। हम चाहते हैं की अपने इस मिशन को वो ज़रूर पूरा करें।और वो तो जौनपुर से अब ऐसे वाबस्ता हैं कि जब भी आधुनिक सुन्दर और विकसित जौनपुर का ज़िक्र होगा बिना हरदिल अज़ीज़ डी ऍम जौनपुर भानुचंद गोस्वामी जी के अधूरा होगा।

Thursday 4 February 2016

रोहित वेमुला के लिए भारती विद्यार्थी मोर्चा ने किया कैंडिल मार्च ।

जौनपुर।हैदराबाद विश्विद्यालय के छात्र रोहित वेमुला के लिए भारती विद्यार्थी मोर्चा ने आज शाम जेसीज चौराहा से चहारसू चौराहा होते हुए अम्बेडकर तिराहा तक कैंडिल मार्च निकाला। शहीद रोहित वेमुला के समर्थन में तख़्ती बैनर पोस्टर लिए शहर के दोनों आंबेडकर छात्रावास के दलित छात्र  काफी तादाद में शरीक होकर अपने गुस्से का इज़हार शांति पूर्वक हाथों में कैंडिल लिए कर रहे थे। मोर्चा के पदाधिकारी संजीव कुमार और धर्मेन्द्र के नेतृत्व में निकले इस जुलूस में न तो नारे बाज़ी थी न ही कुछ और पर शांति पूर्वक निकले इस मार्च ने एक सन्देश साफ- साफ दिया कि देश के दलितों में रोहित के प्रकरण को लेकर आक्रोश है। ये आक्रोश आने वाले समय में क्या रुख़ लेगा ये वक़्त बताएगा। पर ये तो सच है कि देश की सियासत पर ये ज़रूर असर छोड़ेगा। मार्च में रमेश कुमार, प्रह्लाद गौतम, सौरभ आदि रहे।

Wednesday 3 February 2016

कर्मचारियों की समस्याओं का हो त्वरित निस्तारण। राकेश सिंह मुख्य कोषाधिकारी जौनपुर

उत्तर प्रदेश महालेखाकार लेखा एवं हकदारी इलाहाबाद ने लगभग 3 लाख अभिदाताओं का जी पी एफ लेखा अद्यावधिक और ऑन लाइन है। कोई भी कर्मचारी अपने पासवर्ड या जन्मतिथि डालकर अपनी एजी स्लिप प्राप्त कर सकते हैं। उक्त बातें बुधवार को जौनपुर कोषागार में आहरण वितरण अधिकारीयों के प्रतिनिधियों की बैठक में मुख्य कोषाधिकारी राकेश सिंह ने बतायी। सीनियर आडिट ऑफिसर एजी ऑफिस आर पी ओझा की मौजूदगी में चली इस बैठक में महालेखाकार की ऑन लाइन सेवाओं , जी पी एफ भुगतान , रखरखाव सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा और आने वाली समस्याओं के निदान पर भी श्री सिंह ने बात की । प्रतिनिधियों से खुलकर बात करने और शंका समाधान करने को कहा। मुख्य कोषाधिकारी राकेश सिंह का कहना था कि यदि डी डी ओ और सम्बंधित पटल सहायक प्रयास करें तो निश्चित रिटायर्ड कर्मी का जी पी एफ नब्बे प्रतिशत का भुगतान समय से हो सकता है। इस अवसर पर शैलेन्द्र यादव, तनवीर अब्बास शास्त्री, ज़ीशान आदि उपस्थित रहे।

Tuesday 2 February 2016

अर्चना रामासुंदरम ने रचा इतिहास बनी पहली महिला प्रमुख।

बदलते वक़्त के साथ देश की महिलाओं ने हर जगह अपनी क़ाबलियत का लोहा मनवाया है। चाहे राजनीति हो संसद हो खेल हो साहित्य हो या कहीं भी अब हर जगह महिलाओं ने अपने दम पर अपनी पहचान बनायी है।और ये मुल्क के लिये शुभ संकेत है। इसी क्रम में एन सी आर बी की डी जी अर्चना रामासूंदरम को सशस्त्र सीमा बल का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। जो भारतीय अर्धसैनिक बल की पहली महिला प्रमुख होंगी। इस ख़बर को सुनकर समस्त देश वासी प्रसन्न हैं।उनको बधाई देने वालों में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री रमेश सिंह , राज्य कर्मचारी महासंघ के अजय सिंह, अशोक सिंह, व्यापार मंडल के जावेद अज़ीम, विवेक सिंह, रिंकू सिंह ने कहा की बेशक हमें और देश को आप पर गर्व है।

Monday 1 February 2016

डी आई ओ एस हाज़िर, आंदोलन ख़त्म, लिखित समझौता।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का पिछले 6 दिनों से प्रांतीय मंत्री रमेश सिंह के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन ख़त्म हुआ। सोमवार को 10.30 बजे अनशन स्थल पर ज़िला विद्यालय निरीक्षक पहुंचे। शिक्षक नेताओं से सभी मांगों पर विस्तृत चर्चा हुयी। अंत में लिखित समझौते के साथ आंदोलन समाप्ति की घोषणा हुये। ये तय पाया गया कि अधिकारी नियमित रूप कार्यालय पर उपस्थित होकर समस्यायों का निस्तारण करेंगे साथ ही साथ प्रत्येक शनिवार शिक्षक पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जनपदीय समस्याओं का निस्तारण होगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने कामयाब आंदोलन और सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुये सदस्यों का भागीदारी के लिए बधाई दी।