
उत्तर प्रदेश की तीन विधान सभा बीकापुर, देवबंद और मुज़फ्फरनगर के उपचुनाव के नतीजे सपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। मिशन 2017 की तैयारी को करारा झटका है। बीकापुर में मित्रसेन की सहानभूति की लहर और पूरी ताकत झोंकने के बावजूद जिस तरह सपा को जीत मिली वो प्रसन्न होने की नहीं बल्कि चिंतन करने का संकेत है।देवबंद और मुज़फ्फरनगर में हराकर कांग्रेस और भाजपा ने सपा की नींद उड़ा दी है। आमतौर से उपचुनाव सत्ताधारी दल के पक्ष में जाते हैं। पर जब आज ये हाल है तो 2017 के आम चुनाव में जनता का आक्रोश नई कहानी लिखेगा । अब देखना ये है कि अब से इन नतीजों से सबक़ लेकर कर्मचारी-शिक्षक किसान-अल्पसंख्यक और आम जन के लिए सरकार कुछ करेगी। या फिर कुछ ख़ास लोगों की ही सरकार बन कर रहेगी। नतीजों के असर से जनता का कुछ भला हो जाय।देखिये क्या होता है।

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