Sunday 24 January 2016

अस्सी लाख की लागत से बना फातमान बनारस में मौला अली का रौज़ा

बनारस की तारीख़ी इमामबारगाह फातमान जहाँ मासूमीन के रौनक़ अफ़रोज़ रौज़े तारीख़ी जुलूस और प्रोग्राम जिसके लिए ये पूरी दुनिया में मक़बूल है। इमाम बारगाह के मुतवल्ली सयैद अब्बास रिज़वी शफ़क़ भाई के ज़ेहन में ख़्याल आया की क्यों न नजफ़ की तर्ज़ पर यहाँ भी मौलाए कायनात के रौज़े की तामीर की जाय। बस शफ़क़  भाई और उनके सहयोगियों ने इस पर काम शुरू कर दिया। सिविल इंजीनियर सयैद हुसैन हादी ने मेहनत-मशक़्क़त के साथ इसकी डिज़ाइन तैयार किया और उसमे चार चाँद लगाया नफीस ज़ैदी ने। कोई लगभग दो साल पहले इस्लामिक कैलेंडर के माह रजब में इसका आगाज़ हुआ। फिर तो आक़ा के अज़ादारो ने अपनी हैसियत के मुताबिक़ बढ़-चढ़ कर इसकी तामीर में सहयोग किया। शफ़क़ भाई की पुरख़ुलूस कोशिश रंग लाई। लगभग दो साल के वक्फे और कोई 80 लाख की लागत से ख़ूबसूरत और रौनक़ अफ़रोज़ रौज़ा बनकर तैयार हुआ। काम अभी भी जारी है फिनिशिंग का।हादी साहब इंजीनियर और नफीस भाई ने इसके निर्माण के दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा की जैसा तसव्वर है तामीर भी वैसी हो। शफ़क़ भाई और उनके वो साथी जिनकी कोशिशों काविशों का ये नतीजा है और जिन्होंने पुरख़ुलूस सहयोग किया। मालिक मौला के सदके में कामयाबी नेकी अता करे।

No comments:

Post a Comment