Wednesday 28 December 2016

सपा प्रत्याशी की अनोखी पहल समाजवादी अलाव, ठंडक में गर्मी का एहसास।

जौनपुर। शीत-लहर के इस दौर में जब ठिठुरन के चलते लोग घरों से बाहर निकलना पसंद नहीं करते। ऐसे वक़्त में जौनपुर सदर विधानसभा के अधिकृत प्रत्याशी जावेद सिद्दीकी ने एक अनोखी पहल की है, जिसका नाम है (समाजवादी अलाव) जी हाँ हर रोज़ एक गाड़ी जिसपर समाजवादी अलाव लिखा होता है निकलती है जिसपर लकड़ी लदी होती है। और मिटटी के तैल का गैलन और माचिस लिए ड्राईवर और एक अन्य व्यक्ति शहर के कोई 25-30 चौराहों-तिराहों और मुख्य स्थानों पर जलाते हैं। इतना ही नहीं ड्राईवर और उस कर्मी को ये निर्देश भी प्राप्त है कि वो चिन्हित स्थान के अलावा अगर कहीं ये देखे की लोगों ने अपने से अलाव की व्यवस्था की है तो वहां भी रूककर लकड़ियाँ ज़रूर गिरा दें। तो है न ये अनोखी व्यवस्था और अनोखी पहल। सियासत अपनी जगह, जीत हार अलग चीज़, लेकिन जावेद सिद्दीकी के इंसानी जज़्बे और इस प्रयास को सलाम जो इस ठण्ड में बेशक आमजन को गर्मी का एहसास और राहत पहुंचा रहा है।

Sunday 25 December 2016

समाजवादी पार्टी मे टिकट बटवारे को लेकर मचा घमासान।

लखनऊ। कुछ दिनों से ऐसा लगने लगा था कि सपा में सब ठीक है और पार्टी एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। लेकिन ये सच नहीं है, आज इसके साफ संकेत मिल गए जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुल 403 उम्मीदवारों की सूची मुलायम सिंह यादव को भेजी जबकि प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पहले ही 175 उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल कर चुके हैं। मामला इतने पर शांत नहीं हुआ ।फ़ौरन जवाबी कारवाई में शिवपाल यादव ने ट्वीट कर कहा की पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उम्मीदवारों का चयन जीत के आधार पर होगा। तो कुल मिलाकर सपा में घमासान के स्पष्ट संकेत हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी एकजुट रह पायेगी इसमें संदेह है। इस प्रकार प्रदेश की राजनीति में हर रोज़ नए समीकरण बन बिगड़ रहे हैं ऐसे में कोई भविष्यवाणी करना आसान नहीं है। और सपा की मुश्किल ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है जो पार्टी के लिए शुभ संकेत तो नहीं है।

Monday 19 December 2016

बदले हुये, सधे और आक्रामक तेवर में नज़र आये राहुल गांधी जौनपुर में।

जौनपुर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज यूपी के जौनपुर में बी आर पी कॉलेज के मैदान में जनाक्रोश रैली में जनता से मुख़ातिब थे। रैली में उमड़े विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुये आज उन्होंने विरोधियों को करारा जवाब दिया। बड़े ही सधे अंदाज़ में आक्रामक तेवर के साथ नोट बंदी की खामियों को बड़े ही सिलसिले वॉर ढंग से प्रस्तुत करने, प्रधानमंत्री मोदी के जनविरोधी रुख़ को बताने और खुद को आमजन के साथ जोड़ने में वो ज़बरदस्त कामयाब रहे। नोट बंदी को कभी दूसरे महायुद्ध के अग्नि वर्षक बम से मिसाल दी तो कभी 15 लाख हर अकाउंट में न पंहुचा पाने को याद दिलाया तो कभी विदेशों में जमा काले धन की वापसी न होने और काले कुबेरों के नाम न उजागर करने की बात उठाई। राहुल गांधी ने 99 प्रतिशत आम लोगों गरीबों ,मज़दूरों, किसानो को नोट बंदी से होने वाली परेशानी और 1 प्रतिशत धनाढ्य लोगों को आसानी पहुचाने की सरकार की मंशा को उजागर किया। उन्होंने कैशलेस इकॉनोमी के सरकार के फैसले की बखिया उधेड़ी तथा इसे भारतीय समाज पर थोपने का विरोध किया। श्री गांधी ने नोटबंदी के फैसले से गरीबों के पैसे से अमीरों के क़र्ज़ माफ़ी को भी जनता को बख़ूबी बताया। नोटबंदी के फैसले के पहले भाजपा के विभिन्न प्रान्त में खरीदी गयी ज़मीन के तथ्य भी लोगों को बताये। राहुल ने कहा काला धन, रियल स्टेट, विदेश, गोल्ड आदि में है उसपर हाथ न डाल कर कैश पर हाथ डालकर गरीबों के खून चूसने का काम हुआ है। बहरहाल इस जौनपुर की इस विशाल रैली में राहुल खुद को आमजन के साथ जोड़ने, सरकार पर बाक़ायदा हमलावर रहने और सरकार की नीति को जनविरोधी बताने और धनकुबेरों का हितैषी बताने में कामयाब रहे। भीड़ से गदगद राहुल गांधी ने स्थानीय विधायक नदीम जावेद की जमकर तारीफ की। पूर्वांचल की इस कामयाब रैली में राहुल के अंदाज़ से कहा जा सकता है कि बदले-बदले से मेरे सरकार नज़र आते हैं और ये जनाक्रोश रैली बेशक कांग्रेस के लिये एक बेहतरीन आग़ाज़ है। 

Saturday 17 December 2016

हज़रत मुहम्मद (स०अ०) की यौमे वेलादत पर बज़्मे-जाफ़री का आयोजन।



जौनपुर। मुसलमानो के आख़री पैग़म्बरऔर दुनिया के महापुरषों में से एक हज़रत मुहम्मद मुस्तफा स०अ० और शीया मुसलमानो की आस्था के मुताबिक़ छठे इमाम हज़रत इमाम जाफर सादिक़ अलै० की यौमे विलादत(जनम दिन) इस्लामिक कैलेंडर के रबिअववल माह की 17 तारीख़ को पूरी दुनिया में बड़ी ही शानो-शौकत के साथ मनाया जाता है। इसी क्रम में शिराज़-ए-हिन्द के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर जनपद जौनपुर शहर के मध्य स्थित  ऐतिहासिक और विशालकाय कल्लू की इमामबारगाह में इस पुर मुसर्रत मौके पर एक महफिल (बज़्मे-जाफ़री ) का आयोजन दिन में एक बजे से किया गया है। इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन अंजुमन जाफ़री ने किया है। अंजुमन के सदर ज़ीशान हैदर, महासचिव तहसीन शाहिद, सक़लैन भाई, मुन्ना अकेला ने सभी अकीदतमंदों, चाहने वालों से शिरकत की पुरख़ुलूस गुज़ारिश की है।

Wednesday 14 December 2016

जौनपुर का प्रसिद्ध एवं स्वादिष्ट दोहरा यानि मीठा ज़हर।

 Gutkaजौनपुर का मशहूर और स्वादिष्ट दोहरा यहाँ मिलता है।शहर के हर गली कोने में जनरल स्टोर चाय पान की दुकान पर लिखा मिल जायेगा।जौनपुर के बाशिंदे और यहाँ नौकरी व्यापार या फिर किसी और सिलसिले से यहाँ आने जाने वाले इससे बख़ूबी वाकिफ़ हैं।हैरत की बात ये की न कोई मानक न रजिस्ट्रेशन न टैक्स फिर भी ये गोरखधंधा ख़ूब फल-फूल रहा है।बताया जाता है की इसके खाने वाले न जाने कितने मुंह के कैंसर का शिकार होकर मौत की आग़ोश में समां चुके। कितनो का मुंह ही खुलना बंद हो गया।जहाँ एक तरफ इसके उत्पादक इसकी कमाई से लाखों रुपये महीना कमाकर तिजोरी भर रहे वहीँ इसे खाने वाले अब तक सौ से ज़्यादा लोगों के मरने की चर्चा आम है।सुपारी चूना कत्था के अलावा बताते हैं की इसमें अफीम जैसे नशीले पदार्थ और न जाने क्या क्या मिलाया जाता है। जिससे इसे खाने की लत हो जाती है और फिर धीरे-धीरे खाने वाले का मुंह बंद होना तथा अन्य जानलेवा बीमारी दस्तक देना शुरू करती है। और अक्सर नतीजा मौत तक जाकर ही रुकता है।ये गोरखधंधा और मौत का सिलसिला कब रुकेगा लोग जानना चाहते हैं। नौजवान बड़ी तादाद में इसका शिकार हैं।वर्तमान जिलाधिकारी महोदय भानुचंद्र गोस्वामी जी ने जनपद के लिये कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं। लोगों की बड़ी उम्मीदें हैं की वो इसपर प्रतिबन्ध लगाकर घरों को उजड़ने से बचाएंगे।

एजाज़ असकरी ईमानदार और कर्मठ कर्मचारी--प्रमुख सचिव राजस्व अरविन्द कुमार।

लखनऊ। प्रमुख सचिव राजस्व उत्तर प्रदेश शासन श्रीअरविन्द कुमार (आई ०ए०एस) ने कहा कि सयैद एजाज़ असकरी एक ईमानदार और कर्मठ कर्मचारी रहे जो मौजूदा वक़्त में हम सभी के लिए एक मिसाल हैं। अशोक मार्ग, हज़रतगंज स्थित चकबंदी निदेशालय (इंदिरा भवन) में आयोजित चकबंदी आयुक्त के पी०ए० पद से सेवानिवृत श्री असकरी के सम्मान समारोह में बोलते हुये श्री कुमार ने कहा की बतौर चकबंदी आयुक्त  कम ही समय में इनकी कार्यशैली ने मुझे प्रभावित किया। निदेशालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने इनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुये बीते समय के अनुभव बताये। अपर संचालक सुरेश यादव,सयुंक्त संचालक रविन्द्र दुबे, वित्त नियंत्रक नीरज श्रीवास्तव, चकबंदी अधिकारी परवेज़ अख़्तर अंसारी आदि अधिकारी/कर्मचारियों ने सम्मान समारोह को संबोधित किया। उपस्थित सभी लोगों ने माल्यार्पण भी किया। अंत में प्रमुख सचिव/चकबंदी आयुक्त ने पूरे स्टाफ की तरफ से उन्हें उपहार भी दिया। मीटिंग हाल में चले इस सम्मान समारोह से भाव विभोर श्री एजाज़ असकरी ने सभी को ह्रदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।

Sunday 11 December 2016

आज़मी ट्रस्ट ने किया गरीबों में रजाई वितरण।

जौनपुर। गत वर्षों की तरह इस साल भी डॉ ए०यू ०आज़मी मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वाधान में अटाला मस्जिद के पीछे रज़ाई वितरण कैम्प का आयोजन किया गया।जिसमे शहर के लगभग हर मोहल्ले के 700 लोगों को रज़ाई वितरण किया गया। ट्रस्ट के मुखिया कमाल आज़मी आवाहन किया कि प्रदेश के गरीबों के हालात को सुधारने के लिए लोगों को आगे आकर स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर काम करना चाहिए। रज़ाई वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि भानु चंद गोस्वामी ने ट्रस्ट द्वारा किये जा रहे कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा किया।कार्यक्रम के विशिस्ट अतिथि अतुल कुमार सक्ससेना एस०पी० जौनपुर ने भी इस पुनीत कार्य की तारीफ किया। कार्यक्रम को सरदार हुसैन बबलू, जयप्रकाश सिंह एडवोकेट आदि ने संबोधित किया। संचालन मज़हर आसिफ ने किया।अंत में ट्रस्ट के संरक्षक अतीकुररहमान आज़मी ने मुख्य अतिथि, विशिस्ट अतिथि तथा आये हुये सभी मेहमानो का शुक्रिया अदा किया।

Monday 21 November 2016

दरिया के बीचो-बीच कर्बला के प्यासों का मातम।

जौनपुर। शीराज़े-हिन्द जौनपुर बेशक अज़ादारी का मरकज़ है। न जाने कितने तारीख़ी जुलूस, इमामबारगाह, मजलिसों को ये अपने दामन में समेटे है। इसी सिलसिले का एक तारीख़ी और अपने किस्म का अनूठा जुलूस गोमती नदी के किनारे अली घाट पर अंजुमन सज्जादिया के ज़ेरे एहतेमाम पूरी शानो-शौकत के साथ मनाया जाता है 20 सफ़र को हज़रत इमाम हुसैन के चेहलुम के दिन जिसे दरिया के अलम के नाम से मक़बूलियत हासिल है। हज़ारों की तादाद में मर्दों, औरतों और मौजूदगी के बीच मजलिस को ख़िताब किया मौलाना महफूज़ खान साहब ने किया। पहली तक़रीर मौलाना हसन अकबर ने, दरमियानी रज़ी बिस्वानी और आख़री तक़रीर डॉ क़मर अब्बास ने किया। नेज़ामत असलम नक़वी साहब ने बख़ूबी किया। मेहँदी आब्दी और बाबू ने सभी ज़ायरीन का अंजुमन सज्जादिया की जानिब से इस्तेकबाल किया। ऐसा पुर कशिश मंज़र की कर्बला की याद ताज़ा हो जाय। बाद ख़त्म मजलिस ज़ुल्जना, अलम का दरिया में जाना हुसैनी जवानों का दरिया के बीचो-बीच मातम और फिर मातमी अंजुमन का दरिया से निकलते वक़्त मौला अब्बास का अलम और जनाबे सकीना के ताबूत का मिलना और हज़ारों की तादाद में मौजूद हुसैनियो के बीच रोने-पीटने का कोहराम बरपा होना। ऐसा मंज़र शायद पूरी दुनिया में कहीं हो। दरिया के पूरे एक हिस्से और अली घाट पर चारों तरफ बस या हुसैन, या हुसैन और हुसैनी मातम दारों का हुजूम। जिसने भी एक बार इस मंज़र को देखा वो कभी भूल नहीं सकता। इतना ही नहीं अंजुमन, तंजीमों और मोहल्ले वालों की तरफ से पानी, चाय की सबील खाने का इफरात इंतेज़ाम भी क़ाबिले ज़िक्र है।

Tuesday 13 September 2016

चौकाने वाली ख़बर। पूर्व सांसद धनजंय सिंह की बसपा में वापसी नहीं।

अभी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बसपा में वापसी की ख़बर को अभी एक पखवारा भी नहीं बीता था की आज चौकाने वाली ख़बर आयी। देखते-देखते सोशल मीडिया पर ये खबर वायरल हुई कि ज़ोनल कोऑर्डिनेटर बसपा राजकुमार कुरील ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पूर्व सांसद धनजंय सिंह को बसपा में नहीं लिया गया है और न ही वो किसी विधानसभा हल्के से उम्मीदवार हैं।विधान सभा का टिकट प्रत्याशियों का बरक़रार रहेगा। ज़िले के लोगों ने इस खबर की पुष्टि के लिए एक दूसरे को फोन करना शुरू किया। बेशक समर्थकों में मायूसी और गुस्सा दोनों है। और ये मौजूदा राजनीति की बड़ी और हैरतअंगेज़ खबर भी। लोग इस खबर की सच्चाई और इसके पीछे के सच को लेकर काफी पशोपेश में रहे। वैसे पूरा सच और खबर अगर सच है तो इस खबर के पीछे का सच और राजनैतिक फायदे नुक़सान और बदलते समीकरण को लेकर भी चर्चा आम है। बहरहाल ये तो आने वाला समय ही बताएगा पर सियासत में न कुछ असंभव है और न आख़री। ज़िले का सियासी पारा तो गरम है ही। दरअसल खबर धनजंय सिंह से सम्बंधित जो है।

Sunday 11 September 2016

चकबंदी कर्मचारी संघ के प्रांतीय चुनाव में सुरेन्द्र शुक्ल अध्यक्ष, सलभ श्रीवास्तव महासचिव निर्वाचित।

लखनऊ। चकबंदी कर्मचारी संघ (मिनिस्टीरियल) के प्रांतीय अधिवेशन/चुनाव में सुरेन्द्र शुक्ल अध्यक्ष तथा सलभ श्रीवास्तव महामंत्री निर्वाचित घोषित किये गए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश के लगभग हर जनपद से प्रतिनिधियों ने महाराजा अग्रसेन इण्टर कॉलेज मोतीनगर निकट चारबाग़ के सभागार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। सैकड़ों की संख्या में आये संघ के सदस्यों में उत्साह था उमंग थी कि वर्षो से निष्क्रिय संग़ठन का पुनर्गठन हो रहा है। तथा अब पूर्व की भांति प्रांतीय पदाधिकारी मनमानी नहीं कर सकेंगे और न ही संगठन को निजी जागीर समझेंगे। सुरेन्द्र शुक्ल उन्नाव से तथा सलभ बाराबंकी में कार्यरत हैं। अधिवेशन में उपस्थित कर्मियों ने चुने हुये पदाधिकारियों को फूल मालाओं से लाद दिया और जय जयकार के नारों से सभागार गूँज उठा। सुरेन्द्र शुक्ल और सलभ ने सयुंक्त रूप से सदन से वादा किया कि वेतन विसंगत, लिपिकीय ढांचे का पुनर्गठन सहित समस्त समस्याओं के लिए संघर्ष होगा। और हल किया जायेगा।नेता द्वय ने सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त किया और सदन का विश्वास बनाय रखने का वादा किया।

Saturday 10 September 2016

हनुमान गढ़ी से मदरसा गुरैनी तक राहुल गांधी की किसान यात्रा का जनता कनेक्शन, दिखने लगा प्रशांत का जादू।।

हनुमानगढ़ी से जौनपुर के गुरैनी मदरसा तक की राहुल गांधी की किसान यात्रा के जनता कनेक्शन में प्रशांत किशोर की रणनीत का जादू सर चढ़ कर बोलने लगा है। ऐसे समय में जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में न जोश था न उत्साह और न ही जनता से कोई सीधा जुड़ाव। ऐसे में प्रशांत किशोर की रणनीत ने अप्रत्याशित रूप से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह भर दिया है। जो निष्क्रिय थे सक्रिय हो गए। आम जनमानस में कांग्रेस और राहुल की किसान यात्रा चर्चा में है। और राहुल गांधी और किसानो के बीच संवाद ने तो प्रदेश के अन्य राजनैतिक दलों की रातों की नींद उड़ा दी है। किसान यात्रा ख़त्म होते-होते कार्यकर्ताओं में जोश स्थायी रूप ले चुका होगा और नए जुड़ने वाले कार्यकर्ताओं की लंबी कतार। इतना ही नहीं जनता से सीधे संवाद का असर भी प्रदेश की जनता में साफ दिखेगा। और यही प्रशांत किशोर की रणनीत का हिस्सा भी। वैसे भी अगर आप देखें तो लगभग दो दशक से बड़े नेताओं को छोड़ दें स्थानीय सांसद विधायक का जनता से कोई कनेक्शन या संवाद नहीं रहा। बस साम्प्रदायिक और जातीय आधार पर गोलबंदी और जज़्बात के आधार पर वोट लेने की सियासत दिखी है। किसान लगभग 70 प्रतिशत है पर उसकी समस्याओं की अनदेखी का नतीजा आत्महत्या है। और किसानो के क़रीब जाकर उनके दिल का हाल किसी ने न जाना हाँ अपने मन की बात ज़रूर सुनाई गयी है। तो निश्चित रूप से ये प्रयास रंग लाएगा और उत्तर प्रदेश् के चुनावी समीकरण को बदल के रख देगा। पर इसका प्रभाव कितना सीटों में बदलेगा ये तो वक़्त बताएगा। किसान यात्रा के बहाने हिन्दू और मुस्लिम दोनों से जोड़ने की हनुमान गढ़ी से गुरैनी मदरसा तक की कोशिश भी अगर रंग लाई तो बाक़ी सब का बंटाधार तय है।

Friday 9 September 2016

जब जौनपुर शहर का सामना हुआ भयंकर बदबू और संक्रमण से।

जौनपुर। 9 सितम्बर की सुबह जब शहर जौनपुर के उत्तरी इलाके के लोगों ने सुबह-सबेरे घर से बाहर क़दम रखा तो चाहरसू चौराहा ,किले के आसपास , तथा सदभावना पुल के दोनों छोर तक स्लाटर हाउस के मलवे की बदौलत इस क़दर बदबू की नागरिकों का आना जाना दुशवार था। किसी तरह लोग नाक पर रुमाल रख अपना रास्ता तय कर रहे थे। जो ज़्यादा संवेदनशील थे उनका उलटी से बुरा हाल था। शहर का एक बड़ा हिस्सा बदबू और संक्रमण की भेट चढ़ चुका था। तभी नागरिक अधिकारों के प्रति सजग और संघर्षत जौनपुर संघर्ष मोर्चा ने सोये हुये प्रशासन को नींद से जगाया और दर्जनों पदाधिकारियों के साथ नगर पालिका पहुँच कर अधिशाषी अधिकारी से रोष प्रकट करते हुये। उनको उनके कर्तव्य का एहसास कराया। तब जाकर नगर पालिका प्रशासन हरकत में आया और आनन् फानन में करवाई शुरू कर दी। मोर्चा ने पत्रक देकर प्रशासन को आगाह करते हुये भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए चेतावनी भी दिया। मोर्चा ने पूरे शहर में अतिक्रमण के मलवे से उत्पन्न गन्दगी और जलजमाव से नागरिकों को निजात दिलाने सहित शहर की कई समस्याओं की तरफ ईओ का ध्यान आकृष्ट कराया। मोर्चा के पदाधिकारियों का नेतृत्व मोर्चा के प्रमुख सुभास कुशवाहा, सतवंत सिंह, महेश सेठ, आकिल जौनपुरी आदि कर रहे थे।

Wednesday 7 September 2016

तो मुख़्तार अंसारी जौनपुर में संभालेंगे सपा की कमान, मचेगा राजनैतिक घमासान।

जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव क़रीब आ रहा है। हर रोज़ सभी राजनैतिक दल नए-नए समीकरण अपने पक्ष में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं साथ ही दूसरे के दावँ की काट करने में भी लगे हैं। इलाहाबाद में बहुजन समाज पार्टी की रैली में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बसपा में पुनः शामिल कर जौनपुर सहित पूरे पूर्वांचल की राजनीति को साधने और बसपा के हक़ में मतों को जोड़ने की ज़बरदस्त कोशिश की है। बेशक जनपद जौनपुर की हर विधान सभा में सिर्फ ठाकुर ही नहीं अन्य मतदाताओं में उनकी पैठ है। साथ ही उनके अपने असर से बसपा फायदे में और अन्य दल नुक़सान में नज़र आने लगे। ख़ासतौर से दयाशंकर सिंह कांड के बाद अपनी ठाकुर विरोधी छवि को धनंजय सिंह के सहारे मिटाने और भाजपा को झटका देने की भी है।ये चर्चा आम है राजनितिक पंडितों में की बसपा के धनंजय दावँ की काट सपा को मुख़्तार  अंसारी में नज़र आ रही है। तभी सपा जौनपुर सदर विधान सभा से मुख़्तार अंसारी को लड़ा कर जौनपुर सहित पूर्वाञ्चल में सपा के खिसकते मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने और सक्रिय करने की फ़िराक़ में हैं। जौनपुर सदर विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य है साथ ही मुख़्तार अंसारी के समर्थकों की यहाँ कमी नहीं है। पिछले कई विधानसभा, लोकसभा और नगरपालिका चुनाव में मुख़्तार जौनपुर के मुस्लिम मतदाताओं में अपनी पकड़ का एहसास करा चुके हैं। तो बेशक मुख़्तार अंसारी के आने से सिर्फ सदर विधानसभा ही नहीं जनपद की हर सीट का मंज़र बदलेगा। वहीँ जौनपुर सदर से मौजूदा प्रत्याशी जावेद सिद्दीक़ी जिन्हें शुरवात से ही राजनीति के जानकारों ने कभी परमानेंट प्रत्याशी नहीं माना दिन ब दिन प्रत्याशिता में कमज़ोर पड़ते जा रहे हैं। दरअसल ख़ुद मुख़्तार अंसारी मऊ की सीट अपने बेटे के लिए छोड़ना चाहते हैं। फिर तो उनके लिए भी जौनपुर से बेहतर सीट नहीं हो सकती है। वैसे जौनपुर के एक पत्रकार जो मुस्लिम समाज से हैं और मुलायम सिंह के परिवार के अति निकटतम लोगों में उनका शुमार है वो भी विधानसभा सदर जौनपुर से सपा प्रत्याशी हो सकते हैं इसकी चर्चा भी हर गली नुक्कड़ पर है । बताया जाता है की वो भी टिकट की दौड़ में आगे हैं। बहरहाल नतीजा चाहे जो हो। अगर ये सारी चर्चा और क़यास सही साबित हुये तो बेशक जौनपुर इस बार पूर्वांचल में राजनीति का अखाड़ा साबित होगा। अब क्या होगा क्या नहीं होगा ये तो वक़्त बताएगा पर जौनपुर इस वक़्त ज़बरदस्त चर्चा में ज़रूर है।

Sunday 4 September 2016

पूर्व सांसद धनंजय सिंह फिर से बसपा में, बदलेंगे समीकरण और राजनैतिक हालात ।

राजनीति के मंझे हुये और चतुर खिलाड़ी पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने सही समय पर बसपा में एन्ट्री मारी है। सियासत में अवसर बहुत अहम् होता है। आप सही अवसर पर सही क़दम उठायें तो आप कामयाब होंगे। आज जब सपा और भाजपा दोनों सरकारों के ख़िलाफ़ माहौल है और प्रदेश का दलित यादव के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग बसपा की तरफ देख रहा है। मायावती की रैलियों में अपार जनसमूह उमड़ रहा है। मुसलमानो की ख़ामोशी भी बसपा के पक्ष में जाने के संकेत साफ होते जा रहे हैं। बसपा दिन ब दिन बहुमत की सरकार बनाने की दिशा में एक क़दम हर रोज़ बढ़ा रही है। साथ ही ठाकुर समाज के सारे छोटे बड़े नेता हर पार्टी के या तो भाजपा में जा चुके या चले जायेंगे। ऐसे समय में धनंजय सिंह की बसपा में वापसी के मायने हैं। पार्टी के प्रमुख स्वर्ण चेहरा होंगे। ज़िले स्तर से लेकर ऊपर तक पार्टी में पकड़ होगी। यानि सही समय पर सही फैसला। ज़ाहिर सी बात है ज़िले के समीकरण हर सीट पर बदलेंगे और प्रत्याशियों में भी फेर बदल हो सकता है।

Tuesday 30 August 2016

जौनपुर की अनवर जहाँ को शिक्षक दिवस पर मिलेगा राष्ट्रपति पुरस्कार। ज़िले का नाम किया रौशन।

जौनपुर। नगर के मोहल्ला रिज़वी खान, अटाला मस्जिद के पीछे की निवासी तथा आजमगढ़ राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत अनवर जहां को अध्यापन में उत्कृष्ट कार्य के लिए देश के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जायेगा। उत्तर प्रदेश से कुल 9 शिक्षकों को यह सम्मान मिला है।अनवर जहाँ राजकीय सेवा में सन् 1984 में लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित हुयी। इसके बाद स्नातक वेतन क्रम में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज जौनपुर में कार्यभार ग्रहण किया।वह 1995 में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज आजमगढ़ में स्थानांतरित हुई, तब से अब तक वहां शिक्षा विभाग की सेवा कर रही हैं। इस ख़बर को सुनते ही उनके परिजनों, जनपद वासियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी है। सामाजिक कार्यकर्त्ता तनवीर अब्बास शास्त्री ने अपनी ऑन्टी (मौसी) को इस उपलब्धि के लिये जनपद वासियों की तरफ से बधाई दी है।

Sunday 28 August 2016

जौनपुर संघर्ष मोर्चा ने जन समस्याओं के लिए शहर कोतवाल को सौंपा पत्रक।

जौनपुर संघर्ष मोर्चा के प्रमुख सुभाष कुशवाहा ने मोर्चा के दर्जनों पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ नगर की क़ानून व्यवस्था और आये दिन होने वाली जाम की समस्या के निदान हेतु 9 सूत्रीय पत्रक नगर कोतवाल की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि को सौंपा। प्रभारी कोतवाल को संबोधित पत्रक को सौंपते हुये मोर्चा के पदाधिकारियों का स्पष्ट रूप से कहना था कि सभी चौराहों पर लगे सीसी टीवी कैमरा दुरुस्त हो और उसके ज़रिये नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध कार्यवाही हो। नगर से बस स्टैण्ड हटाकर शहर का विस्तार किया जाय।सड़क पर खड़ी बेतरतीब गाड़ियों और वनवे का पालन न करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय।चौराहों से अघोषित ऑटो स्टैंड हटाया जाय। स्कूली बसें बड़ी के बजाय छोटी चलायी जाय और स्कूल छूटने की टाइमिंग भी अलग-अलग हो। पत्रक सौपने वालों में मोर्चा प्रमुख श्री कुशवाहा के आलावा आकिल जौनपुरी, अरुण यादव सभासद,महेश सेठ नगर अध्यक्ष, सतवंत सिंह आदि रहे।

Saturday 27 August 2016

स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन जौनपुर के प्रथम शहीद राजा इदारत जहाँ(1857) पर पीएचडी की उपाधि अवार्ड हुई।

जंगे आज़ादी (1857) में जौनपुर का नेतृत्व करने वाले शहीद राजा इदारत जहाँ जिन्होंने अंग्रेजों के सामने घुटने टेकना गवारा नहीं किया बल्कि देश के सच्चे सपूत की हैसियत से राजपाट और प्राण सबकुछ न्यौछावर कर दिया। 10 मई 1857 को जौनपुर के मुबारकपुर गाँव में अपने 40 साथियों के साथ अंग्रेजों के साथ वीरता से लड़ते हुये शहीद कर दिये गए। देश के इस महान सपूत को समय के साथ भुला दिया गया। हर वर्ष उनके शहादत दिवस पर महज़ उनके वंशज मुबारकपुर के ग्रामवासी और चंद लोग ही उनकी मज़ार पर पहुँच कर याद करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। वर्तमान में डॉ राकेश कुमार ने "जौनपुर में राष्ट्रीय आंदोलन और राजा इदारत जहाँ (1857-1930 ई तक) " टॉपिक पर पहली बार रिसर्च किया। डॉ गोविन्द मिश्र के निर्देशन में डॉ राकेश कुमार ने ये उपलब्धि हासिल की। चूँकि राजा इदारत जहाँ पर अभी तक किसी इतिहास के विधार्थी ने शोध नहीं किया था इसलिये ये दुरूह कार्य था। पर डॉ राकेश ने राजा इदारत जहाँ पर शोध के लिये कठिन परिश्रम किया।इन्होंने राजा साहब के क्रिया-कलापों और तत्कालीन परिस्थितियों का जिस प्रकार वर्णन किया है बेशक सराहनीय है।डॉ राकेश ने अपने शोध कार्य के लिये देश की विभिन्न पुस्तकालयों का दौरा किया तथा जो भी लिखा वह प्रसिद्ध इतिहासकारों, विद्धानों, तत्कालीन अख़बार, मैगज़ीन तथा प्रमाणयुक्त कथनो और तथ्यों के आधार पर लिखा है। जो निश्चित रूप से आज की पीढ़ी और जंगे आज़ादी की तारीख़ के लिए मील का पत्थर है। राजा इदारत जहाँ के प्रपौत्र राजा अंजुम हुसैन, कुँवर तनवीर अब्बास शास्त्री ने डॉ राकेश कुमार उनके गाइड डॉ गोविन्द देव मिश्र तथा इस कार्य में सहयोग देने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉ पी एन विश्वकर्मा, पूर्वांचल विश्वविद्यालय, सभी सहयोगियों का ह्रदय से आभार प्रकट करते हुये कहा की उनका ये प्रयास शहीद राजा इदारत जहाँ की शहादत और क़ुर्बानी को जनमानस तक पहुचाने का बेहतरीन ज़रिया साबित होगा। और यही उस शहीद के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Thursday 11 August 2016

दल-बदल का मौसम और छोड़-पकड़, मतलब का आया त्यौहार है।

जैसे-जैसे उत्तरप्रदेश विधानसभा का चुनाव क़रीब आ रहा है, वैसे-वैसे प्रदेश के नेताओं की विचारधारा, रहनुमा और दल भविष्य के एतबार से बहुत तेज़ी से बदल रहा है। हर रोज़ वर्तमान और पूर्व विधायक का एक दल से दूसरे दल में जाने की ख़बरें अख़बार में छपना आम है। विधानसभा चुनाव जीतने,आने वाली सरकार में अपनी भूमिका तय करने में हर रोज़ नेता अपना राजनैतिक ठौर-ठिकाना और प्राथमिकताएं बदल रहे हैं। जनता भी इस स्वार्थपरक बदलाव,आने-जाने और पल में विचारधारा और दल बदलने को बड़े ग़ौर से देख रही है। और असल ताक़त तो लोकतंत्र में जनता ही है, जो बड़ी ही ख़ामोशी से इस खेल पर अपनी नज़र रखे है और उतनी ही गंभीरता से जब फैसला लेती है तो तख़्त-ताज हुकूमत सब कुछ बदल जाते हैं और नेताओं की चालाकी भी धरी रह जाती है। बहरहाल ये दल-बदल, चोला और रहनुमा और नेता बदलने का दौर है बड़ा ही दिलचस्प।

Tuesday 2 August 2016

बनारस में कांग्रेस को मिला अपार जनसमर्थन, पार्टियों में मची खलबली।

उत्तरप्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को हलके में लेने वालों के लिए इससे बड़ा झटका और क्या हो सकता है। बिहार के बाद प्रशांत किशोर के जादू का असर यूपी में साफ दिखने लगा है। बरसों से कांग्रेस के कमज़ोर संगठन हतोत्साहित कार्यकर्ताओं में जैसे नई ज़िन्दगी आ गयी हो। कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी और बड़े नेता उत्साह, उमंग,अनुशासन और ज़िम्मेदारी से लबरेज़ दिखे। और इतना तो काफी है पार्टी में नई जान फूंकने के लिए। और स्थान का सेलेक्शन भी क्या ख़ूब था जहाँ से एक तीर से कई निशाने हो सके। एक तो पूर्वांचल दूसरे बनारस, मुसलमानो को जोड़ने की कई दिन पहले से बाक़ायदा पहल और निशाने पर मोदी भी सपा भी। बहरहाल उत्तर प्रदेश में अपने को स्थापित समझने वाली पार्टियो की रातों की नींद उड़ गयी। चुनाव की तैयारी में अब कांग्रेस अब अग्रिम पंक्ति में है तो कार्यकर्ता आत्मविश्वास से भरा हुआ। प्रदेश् में जो हालात सपा और भाजपा के ख़िलाफ़ हैं कांग्रेस उसे अपने पक्ष में करने का कोई मौक़ा चूकने नहीं जा रही है।इस बात का एहसास प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीत से साफ कर दिया है। और कांग्रेस का लै में आना दरअसल सपा के लिए ख़तरे की घंटी है। इस ज़बरदस्त आग़ाज़ से तो एक शेर याद आता है( इब्तेदाय इश्क़ है रोता है क्या, आगे आगे देखिये होता है क्या।) सच तो ये ही है कि शंखनाद कहें बिगुल कहें जो भी हो इसके बजने से सपा, भाजपा, बसपा सब के सब हैरान भी और परेशान भी। तो पी के का जादू चलने लगा है।

Tuesday 12 July 2016

राजबब्बर बने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष, पी के का ज़बरदस्त आग़ाज़।

अभी तक तो ऐसा लग रहा था कि सिर्फ भाजपा और अमित शाह ही यूपी चुनाव की तैयारी बाक़ायदा कर रहे हैं । बड़ी-बड़ी रैलियां अपना दल, भासपा से गठबंधन। पर प्रशांत किशोर ने अपनी मौजूदगी का एहसास कराते हुये ज़बरदस्त आग़ाज़ किया है। पिछले काफी अरसे से यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष चाहे वो निर्मल खत्री हों या रीता बहुगुणा जोशी, उनकी पहचान सिर्फ अपने चुनावी हलके तक थी। कोई प्रादेशिक पहचान न आकर्षण। पर राजबब्बर ऐसा व्यक्तित्व है जो न किसी पहचान के मोहताज और न ही आकर्षण की कोई कमी बल्कि निश्चित रूप से ये कांग्रेस के चुनावी क़ाफ़िले को नई रूह बख्शेंगे। कुशल वक्ता, परिपक्व राजनितिक इतना ही नही ख़तरे की घंटी तो सपा के लिए है। राजबब्बर मुसलमान मतों को अपने पक्ष में बख़ूबी कर सकते हैं। मुफीद-ए-आम डिग्री कॉलेज आगरा के अध्यक्ष रहे राजबब्बर के पास अभिनेता की पहचान के साथ लंबा राजनितिक तजुर्बा भी है। वी पी सिंह के जनमोर्चा से लेकर तीन बार का लोकसभा चुनाव जीतना और शिकोहाबाद का चुनाव जीतना भी जुड़ा है। मुस्लिम मतदाताओं से जितना बेहतर कनेक्टिविटी राजब्बर कर लेंगे दूसरा कोई नहीं। कुल मिलाकर यूपी चुनाव इसक़दर दिलचस्प होगा की कुछ भी भविष्यवाणी करना आसान नहीं होगा। कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष ऐसा बनाया है जो कार्यकर्ताओं में जोश भी भरेगा और रैलियों में भीड़ भी।

जौनपुर संघर्ष मोर्चा के प्रमुख सुभाष कुशवाहा सड़क दुर्घटना में घायल हुये।

जौनपुर संघर्ष मोर्चा के प्रमुख,सक्रिय सामाजिक कार्यकर्त्ता और जन समस्याओं के लिए सदैव संघर्षरत सुभाष कुशवाहा का कल रात लगभग 10 बजे मोहल्ला रुहट्टा में एक्सीडेंट हो गया। ये दुर्घटना तब हुये जब वो एक तेरही कार्यक्रम से बाइक द्वारा वापस अपने घर जा रहे थे। उनके बाएं हाथ की कलाई में फ्रेक्चर और बाक़ी जिस्म में भी चोट आयी हैं। फ़ौरन उनके मित्र और स्थानीय नागरिक एक निजी अस्पताल में ले गए। जैसे ही लोगों को पता लगा देखते-देखते लोगों का ताँता लग गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्वांचल विश्विधालय के डॉ अमित वत्स, कर्मचारी नेता तनवीर अब्बास शास्त्री, भाजपा नेता विमल सिंह, अधिवक्ता शैलेन्द्र विक्रम सिंह,अजय सिंह, लोकेश कुमार, सतवंत सिंह,अतुल सिंह आदि रहे। 

Sunday 10 July 2016

ज़ाकिर नाइक के विरुद्ध लखनऊ में शिया मुसलमानो का ज़ोरदार विरोध/प्रदर्शन ।

पूरे भारत में डॉ ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ विरोध/प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में आज शिया नेशनल फ्रंट के बैनर तले मौलाना याशूब अब्बास के नेतृत्व में लखनऊ में ज़ोरदार प्रदर्शन किया। हज़रत गंज स्थित शाही मस्जिद के बाहर बड़ी तादाद में शिया मुसलमान इकट्ठा हुये और ज़ाकिर नाइक के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। आतंकवाद मुर्दाबाद, नायक नहीं खलनायक है,ज़ाकिर नाइक को फाँसी दो, आतंकवाद बंद करो के गगन भेदी नारों के बीच ज़ाकिर नाइक का पुतला भी फूँका। फ्रंट के महासचिव मौलाना याशूब अब्बास ने इस अवसर पर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पाबन्दी लगाने की मांग किया।साथ ही उनका कहना था की ये शांति के नाम पर आतंकवाद का सन्देश फैला रहा है। प्रदर्शनकारियों ने नाइक की सी बी आई जाँच की मांग किया। अंत में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को संबोधित पत्रक ज़िला प्रशासन को सौंपा।

डॉ ज़ाकिर नाइक - नायक या खलनायक ? जाँच एजेंसियां सक्रिय।

इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक, उपदेशक डॉ ज़ाकिर नाइक आरोपों और जाँच एजेंसियों के घेरे में हैं। आरोप है कि उनकी तकरीरों से नौजवान आतंकवाद की ओर आकर्षित हो रहा है। ढाका के हत्यारों में दो उनके प्रशंसक थे। हैदराबाद में पकड़े गये लोगों में एक उनके लिए अभियान चला चुका है।2006 से लेकर अबतक देश-दुनिया में हुयी तमाम आतंकवादी हरकतों में शामिल टोलियों में कुछ उनके प्रशंसक पाये गए हैं। आईएस में शामिल तमाम गुमराह नौजवान उनके फालोवर रहे हैं। ये महज़ एक इत्तेफ़ाक़ है या देश और समाज के लिए बाक़ायदा रची जा रही साज़िश का हिस्सा। बेशक ये जाँच का विषय है। जाँच होगी। एक्शन होगा। पर सवाल ये है कि जब आज पूरी दुनिया आतंकवाद की चपेट में है। हर रोज़ दुनिया के कई हिस्से में निर्दोष आतंकवादी घटना के शिकार हैं। ऐसे में डॉ ज़ाकिर नाइक को सार्वजानिक रूप से अपनी नीयत का खुलासा नहीं करना चाहिए। सऊदी हुकूमत का आतंकी और कट्टर विचारधारा का पोषण करना। फंडिंग करना और हमारे मुल्क में भी इसी विचारधारा को बढ़ावा देने और पानी की तरह पैसा बहाना जग-ज़ाहिर है। हमारे देश की हुकूमत, प्रशासन, और जनमानस को इनसे सख़्ती से निपटना अपरिहार्य हो गया है और जो भी उसका दोषी जाँच के बाद पाया जाय उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। इन ताक़तों को भारत और ईरान के सम्बन्ध भी फूटी आँख नहीं भा रहे हैं। और ये भारत में भी अफरातफरी मचाने की बाक़ायदा कोशिश में है जिसे किसी हाल में कामयाब नहीं होने देना है। शिया धर्मगुरु इमामे जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जौवाद का कहना है की "ज़ाकिर नाइक जैसे लोग युवाओं को गुमराह  कर रहे हैं । ज़ाकिर कई बार भाषणों में लादेन और मुल्ला उमर जैसे आतंकियों की तारीफ कर चुके हैं।वो अपने चैनल पर मुस्लिम नौजवानो को ग़ैर मुस्लिम के खिलाफ भड़का रहे हैं । सरकार इसकी सख़्ती से जाँच करे।" बहरहाल ज़ाकिर नाइक शक के घेरे में हैं और देश हिट में इस प्रकरण की जाँच कर कठोर करवाई दोषियों के खिलाफ हो चाहे वो ज़ाकिर नाइक हो या कोई और।

Tuesday 5 July 2016

इस्लाम और आतंकवाद में फ़र्क तो सिर्फ और सिर्फ हुसैन से है।

आजकल पूरी दुनिया में ये चर्चा आम है की इस्लाम और आतंकवाद में, मुसलमान और आतंकवादियों में फ़र्क़ क्या है।और अक्सर लंबी चौड़ी बहस के बाद भी दुनिया भर का नेक सच्चा और असली मुसलमान सामने वाले को वो जवाब नहीं दे पाता जो बांग्लादेश के नौजवान फ़राज़ हुसैन ने दिया। फ़राज़ ने दुनिया को सन्देश दिया की मासूमों और मज़लूमों का बेगुनाहों का क़त्ल करने वाला मुसलमान हो ही नहीं सकता बल्कि मुसलमान वो है जो हक़ की ख़ातिर, इंसानियत की ख़ातिर, और दोस्ती की ख़ातिर हँसते-हँसते शहीद और क़ुर्बान हो जाये। बांग्लादेश की घटना में आतंकियों ने मासूमों का क़त्ल तो किया ही ,पर वो फराज़ को छोड़ कर इस्लाम को पूरी दुनिया में रुस्वा करना चाहते थे। लेकिन फ़राज़ ने ज़िल्लत की ज़िंदगी के मुक़ाबले इज़्ज़त की मौत को चुना और अपनी दोस्त तिरिषि जैन के लिए, दोस्ती के लिए, हक़ के लिए, इंसानियत के लिए अपनी जान क़ुर्बान कर दी। क्योंकि फ़राज़ सिर्फ फ़राज़ नहीं बल्कि फ़राज़ हुसैन था। जी जहाँ हुसैन होंगे वहां आतंकवाद नहीं हो सकता और जहाँ आतंकवाद हो वहां हुसैन नहीं और जहाँ हुसैन नहीं वहां इस्लाम हो ही नहीं सकता। ख़्वाजा अजमेर चिश्ती बहुत पहले कह चुके कि हुसैन दीन हैं। आज से 1400 साल पहले यज़ीद और हज़रत इमाम हुसैन के बीच कर्बला में जंग हुयी। दोनों पक्ष नमाज़ पढ़ते थे, रोज़ा, अज़ान , दाढ़ी सब, पर यज़ीद आतंकी था उसने हज़रत इमाम हुसैन और उनको बेरहमी से क़त्ल किया तीन दिन का भूखा- प्यासा जो मुहम्मद साहब (स0) के नवासे और सर्वथा हक़ पर थे। कर्बला में जो हक़ के लिए शहीद हुये वो हुसैन थे मुसलमान थे और इस्लाम और इंसानियत के रक्षक जिन आतंकियों ने शहीद किया वो आज के आतंकियों की तरह ही मुसलमान का चोला पहने थे। और यज़ीद और आज के आतंकियों का आपस में वही रिश्ता है जो एक ज़ालिम का दूसरे ज़ालिम से पुश्तैनी ख़ूनी और ख़ानदानी रिश्ता होता है। पर एक अकेला फ़राज़ हुसैन उन बहुत से आतंकियों के मुँह पर कालिख़ पोत गया और इस्लाम और आतंकवाद के फ़र्क़ को समझा गया। सलाम है उस सच्चे मुसलमान फ़राज़ हुसैन को और सीरिया, इराक़, ईरान और कर्बला में आज भी हुसैनी होने के नाते आतंकियों से लड़कर शहीद हो रहे और उनके ज़ुल्म का शिकार भी। पर सच तो ये है की जब तक नामे हुसैन ज़िंदा है इस्लाम, इंसानियत और हक़ की ख़ातिर अकेले फ़राज़ जैसे लोग आतंक को बेनक़ाब और रुस्वा करते रहेंगे। चाहे उन्हें जान ही क्यों न क़ुर्बान करना पड़े। जो कोई खेल नहीं बल्कि हुसैनी जज़्बा है।

तहसील दिवस पर चकबंदी अधिकारी रहे सामूहिक अवकाश पर। बांधी काली पट्टी।

जौनपुर। अपनी मांगों के समर्थन में प्रादेशिक चकबंदी अधिकारी संघ के आवाहन पर जनपद शाखा के चकबंदी अधिकारी आज तहसील दिवस पर सामूहिक अवकाश पर रहे। उक्त आशय की जानकारी देते हुये हमको संघ के ज़िला महासचिव डॉ ब्रजेश पाठक ने बताया की सहायक चकबंदी अधिकारी का ग्रेड 4800- करने तथा उन्हें दिनाक 30-6-16 तक राजपत्रित अधिकारी का दर्जा न देने के कारण हम पहली जुलाई से काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे हैं। तहसील दिवसों पर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे तथा डी ऍम के माध्यम से पत्रक मुख्यमंत्री को सौपेंगे। डॉ पाठक ने उत्तर प्रदेश शासन से मांगे पूरी करने की अपील की है। और विश्वाश जताया की शासन जल्द ही हमारी मांगों को पूरा करेगा। इस अवसर पर चकबंदी अधिकारी कामता प्रसाद, सहायक चकबंदी अधिकारी धर्मदेव सिंह यादव,राम तिलक वर्मा आदि मौजूद रहे।

Saturday 2 July 2016

जुमले-बाज़ी का शिकार सातवां वेतन आयोग, 11 जुलाई से होगी महाहड़ताल ।

सातवां वेतन आयोग भी केंद्र सरकार की जुमले-बाज़ी का शिकार हो गया। कर्मचारी अपने-आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। जब जस की तस माह दिसम्बर में प्रस्तुत सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करनी थी तो फिर सचिवों की कमेटी बनाने और जानबूझकर महीनो टालने की ज़रुरत क्या थी। और तो और गज़ब का मीडिया मैनेजमेंट की विभिन्न समाचार पत्र, टीवी चैनल और वेबसाइड 29 जून तक ये ख़बर देते रहे की सरकार न्यूनतम वेतन 23500- या फिर 27000- स्वीकार करेगी साथ ही 2.9 से 3.4 तक की पे मैट्रिक्स देने जा रही है। पर जिस 7000 को 18000 का ढिंढोरा पीटा जा रहा है वो चपरासी जनवरी 2016 की स्थिति के हिसाब से महज़ 2000- के फायदे में है और नयी बीमा स्कीम के हिसाब से तो उसकी टेक होम सैलेरी और कम हो जायेगी। कुल मिलाकर लगभग हर वेतनमान में उतना भी इज़ाफ़ा नहीं जितना एक कर्मचारी एक वर्ष में डी ए की दोनों किश्तें और वेतन वृद्धि से पाता था फिर इस जुमलेबाजी के आयोग के मायने क्या। बहरहाल 11 जुलाई से केंद्रीय कर्मचारी ऐतिहासिक और महाहड़ताल करने जा रहा है जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ भी पूरे दम-खम से भागीदारी करेगा। हमसे बात करते हुये महासंघ के पदाधिकारी अजय सिंह व अशोक सिंह का संयुक्त रूप से कहना था की कर्मचारी लामबंद है, पूरी तैयारी है। ऎसी हड़ताल न देखी गयी होगी और न सुनी गयी होगी। सरकार को अभी हमारी ताक़त और एकजुटता का एहसास नहीं है। 11 जुलाई से संघर्ष की नई इबारत लिखी जायेगी जो जीत का परचम लहरायेगी।

Tuesday 28 June 2016

जौनपुर कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद ये गड्ढा दुर्घटना को है खुला आमंत्रण ।

जौनपुर। कलेक्ट्रेट परिसर के बीचो-बीच न्यायलय  कक्ष संख्या 18 के ठीक दरवाज़े के बग़ल मौजूद ये गड्ढा दुर्घटना को खुला आमंत्रण है। अगर वहां से गुजरने वाले का ज़रा भी ध्यान हटे या फिर वो मोबाइल से बात करने लगे तो निश्चित दुर्घटना हो सकती है। छोटे बच्चे गिर सकते हैं और जानवर भी। जनहित में ज़िम्मेदार अधिकारियो से आम जनता की तरफ से गुज़ारिश है कि इस गड्ढे को बंद कराकर किसी भी दुर्घटना या फिर खतरे से आमजन को बचाएं।

Monday 27 June 2016

समाजवादी पार्टी ने क्यों किया क़ौमी एकता दल के साथ धोखा ?

समाजवादी पार्टी ने क़ौमी एकता दल विलय में धोखा क्यों किया। इस सियासी ड्रामेबाज़ी का मतलब क्या है। ये जानबूझकर रची गयी साज़िश तो नहीं। एक तरफ पार्टी के चीफ मुलायम सिंह की सहमति और यू पी प्रभारी शिवपाल की मौजूदगी में बाक़ायदा विलय की घोषणा, प्रेस कॉन्फ्रेंस और फिर मुख्यमंत्री अखिलेश की नाराज़गी से लेकर बलराम यादव की बर्खास्तगी , संसदीय बोर्ड की बैठक और बलराम यादव की मंत्रिमंडल में वापसी के साथ इस पूरी साज़िश का अंत हुआ। जहाँ तक मुख़्तार अंसारी की अपराधिक छवि और अखिलेश की विकास के कार्य और बेहतर छवि लेकर चुनाव में जाने की बातें बताकर आँख में धूल झोंकी गयी। तो अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल से लेकर सपा के विधायक और पार्टी में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं जिनके ऊपर विभिन्न आपराधिक मुक़दमे दर्ज न हो और उनके नाम से उस जनपद के आस-पास के इलाके का आम आदमी ख़ौफ़ से कांपता न हो ज़ुल्म का शिकार न हो। रही बात मुख्यमंत्री की छवि की तो आने वाला समय बताएगा, न बिजली न पानी न सड़क न न्याय, बस एक जात विशेष् का दबदबा, हर तरफ भ्रस्टाचार, दलाली, कमीशनखोरी का बाज़ार गर्म है। वो अपने को नितीश कुमार समझते हैं तो अखिलेश की ग़लतफ़हमी है। नितीश को भी गठबंधन की ज़रूरत पड़ी थी। फिर ये धोखा क्यों? कहीं जानबूझकर ये क़ौमी एकता दल को कमज़ोर और रुसवा करने का प्रोग्राम तो नहीं था। पर अगर क़ौमी एकता दल अपनी इस शिकस्त को हथियार के रूप में इस्तेमाल करे तो पूरे पूर्वांचल में सपा का सफाया हो सकता है। वैसे भी मुसलमानो ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुये ये एहसास किया है की अंसारी बंधुओं और क़ौमी एकता दल के साथ ऐसा सिर्फ मुस्लमान होने के नाते और मुस्लिम विरोधी ताक़तों के इशारे पर हुआ है। अगर ये बात आम हो गयी तो समझो सपा साफ हो गयी।

Sunday 26 June 2016

20 रमज़ान का 100 साल पुराना तारीख़ी जुलूस निकला। या अली या हुसैन की सदा गूंजी।

जौनपुर। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (स0)के चचेरे भाई, दामाद, हज़रत इमाम हसन, हुसैन, मौला अब्बास और जनाबे ज़ैनब  के पिता और शिया मुसलमानो के पहले इमाम हज़रत अली इब्ने अबू तालिब की शहादत की याद में मोहल्ला बलुआघाट के मददू की इमामबारगाह से सौ साल पुराना तारीख़ी जुलूस निकला। चिलचिलाती धूप, गर्मी के बावजूद भारी तादाद में मर्द, औरत और बच्चे रोज़ा रखे हुये जुलूस में शामिल हुये। लगभग तीन बजे दोपहर  शुरू हुई इस मजलिस को ख़िताब करते हुये मौलाना क़ैसर अब्बास साहब ने बताया की चौदह सौ साल पहले सुबह की नमाज़ में मौला अली पर आतंकवादी इब्ने मुलजिम ने वार किया और मौला ज़हर में बुझे तीर से रोज़े की हालत में शहीद हुये। हज़रत अली के जैसा दुनिया में न शिक्षाविद् हुआ, न न्याय वादी हुआ और न ऐसा बहादुर और न ही ऐसा शासक। आपने अपने शासन काल में खुले मंच से पूछा की मेरे शासन कॉल क्या कोई भूखा सोया है। एक भी आवाज़ नहीं आयी। दुनिया की इब्तेदा से अब तक किसी शासक की ये हैसियत नहीं की वो अपनी जनता से खुले मंच पर ये दावा कर सके। उनकी वेलदात काबा में और शहादत मस्जिद में हुयी। मसाएब सुनकर लोग सर पीट-पीट कर रोये। मजलिस के बाद तुर्बत के साथ अलम उठाये अज़ादार चहरसू पहुंचे और वहां हुयी तक़रीर के बाद शाह के पंजे की इमामबारगाह की तरफ जुलूस रवाना हुआ। इस तारीख़ी इमामबारगाह में हज़ारों शिया मुसलमान अपने इमाम की ताजिये के दफनहोने के बाद रोज़ा इफ्तार करेंगे। इस आतंकवाद विरोधी जुलूस में असलम नक़वी, क़मर हसनैन दीपू, तनवीर अब्बास शास्त्री, रूमी, आज़म ज़ैदी , मुन्ना अकेला प्यारे भाई आदि मौजूद रहे।

Saturday 25 June 2016

अंसारी बंधुओं को झटका, क़ौमी एकता दल का विलय सपा को क़ुबूल नहीं।

समाजवादी पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला। क़ौमी एकता दल का विलय नहीं होगा। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने एक बयान में ये बात बताई। निश्चित रूप से मुलायम और शिवपाल पर अखिलेश भारी पड़े। क़ौमी एकता दल और अंसारी बंधुओं के लिए ये ख़बर चौकाने वाली और अच्छी नहीं है। उन्हें अपने राजनैतिक भविष्य और इस विलय के क़दम दोनों पर विचार करना होगा। वहीँ दूसरी तरफ ये फैसला सपा के लिये भी अच्छा नहीं। सियासत में ऐसे गैर संजीदा फैसले नहीं लिए जाते के कभी हाँ तो कभी ना। ये फैसला 2017 के चुनाव में सपा को भारी भी पड़ सकता है। साथ ही ये तथ्य भी सामने आया की सपा में अंदर सबकुछ न बहुत ठीक और न ही सब एक जुट हैं। जब बार-बार फैसले बदले जाएँ तो आप की कमज़ोरी साफ नज़र आती है।

जौनपुर के लोकप्रिय जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी बने बेटी के पिता। बधाई का ताँता।

जौनपुर। जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी की पत्नी श्रीमती मेघा गोस्वामी ने आज वाराणसी स्थित एक निजी नर्सिंग होम में एक बेटी को जनम दिया। डी ऍम को बेटी की ख़बर मिलते ही पूरे कलेक्ट्रेट परिसर में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। कहीं मिठाई बटी तो कोई फ़ोन से ही खुश खबरी शेयर करता रहा।श्री गोस्वामी पहले से ही एक बेटे के पिता है। तो अब उनके घर में क़ुदरत के दोनों अनमोल तोहफे बेटा और बेटी दोनों है। पूरा जनपद डी ऍम साहब को दिल से मुबारकबाद दे रहा है। मालिक आपको आपके परिवार को खुशनसीबी के साथ सलामत रखे।

Sunday 12 June 2016

बुज़ुर्ग ग़रीब मोना की ज़िन्दगी में कैसे अचानक आये अच्छे दिन ?

सब कुछ बड़ा अजीबो-ग़रीब हैरत अंगेज़ फ़िल्मी स्टोरी जैसा या फिर कोई दिलचस्प कहानी लगती है पर है एकदम सच। आश्चर्यजनक ज़रूर है पर है हक़ीक़त और हक़ीक़त ऐसी की आँखें खुली की खुली रह जाएँ के आज के दौर में ऐसा भी होता है पर हुआ है। जी हाँ ये कारनामा कर दिखाया फैज़ाबाद की डी एम किंजल सिंह ने। सोमवार का दिन मोना की ज़िन्दगी में यूं आया की मानो रातों-रात मंज़र ही बदल गया। सोमवार की शाम डी ऍम किंजल सिंह सराय पुख़्ता मस्जिद की व्यवस्था देखने क़रीब 7-8 बजे के क़रीब चौक सब्ज़ी मंडी पहुंची तभी उनकी निगाह सब्ज़ी बेच रही बुज़ुर्ग गरीब बदहाल मोना पर पड़ी। डीएम ने एक किलो सब्ज़ी ली और सब्ज़ी की क़ीमत 50 रुपये के बजाय 1550 रूपये दिया और मोना से नाम पता पूछकर चली गयीं।बेवा  मोना अपने टीन शेड के घर पहुंची अपनी नातिन के साथ जो बी ए कर रही है। खाना पका कर नानी नातिन हाथ के पंखे से गर्मी भगाते सोने की तैयारी में थे कि तभी कई गाड़ियां मोना के घर आकर रुकीं। इन गाड़ियों में डॉक्टर्स की भी टीम थी। डीएम किंजल सिंह और सरकारी अमला रात 11 बजे मोना के घर पहुँच चूका था। वहां की हालात देख डीएम का दिल पसीजा। जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद जिलापूर्ति अधिकारी को फ़ौरन 5 kg अरहर की दाल, 20 kg आटा, 50 kg गेहूं, 40 kg चावल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और कहा जब तक राशन नहीं आता मैं यही रहूंगी। फ़ौरन दुकाने बंद होने के बावजूद अधिकारीयों ने किसी तरह एक घंटे में सब कुछ उपलब्ध करा दिया। इतना ही नहीं डीएम ने sdm दीपा अग्रवाल को निर्देशित किया कि सुबह होते ही एक टेबल फैन, उज्जवला योजना के तहत एलपीजी गैस चूल्हे सहित, तख़्त दो साड़ी उपलब्ध करा दिया जाय। और ये हुआ भी। और जाते-जाते मोना से वादा कर गयीं की खाना पकाने का बर्तन, पीने के पानी के लिए एक हैण्ड पंप और रहने के लिए आवास का निर्माण सरकारी ख़र्च पर कराया जायेगा। हर तरफ इस घटना की चर्चा है। पर अहम् बात ये की ज़िले की न जाने कितने मोना जैसे ग़रीब इस इंतज़ार में हैं की कब डी ऍम के क़दम उनकी भी बदहाली दूर करेंगी।

जौनपुर। अब तो कलेक्ट्रेट परिसर में भी लगता है जाम।

जौनपुर। नगर के व्यस्तम मार्ग ओलंदगंज,कोतवाली चौराहा,चहरसू, सब्ज़ी मंडी और नवाब युसूफ रोड पर जाम लगना तो आम सी बात है पर आजकल तो कलेक्ट्रेट में भी जाम लगता है। जी हाँ चारों तरफ बेतरतीब और मनमाने ढंग से खड़ी की गयीं मोटर साइकिलें, चार पहिया वाहन का खड़ा होना इसकी वजह है। न पार्किंग की विधिवत व्यवस्था न ही कोई सिस्टम ज़ाहिर सी बात है जाम तो होगा ही। उसपर से अगर कोई धरना/प्रदर्शन है तब तो सोने पर सुहागा। इतना ही नहीं गन्दगी और सूअरों की स्थाई मौजूदगी विकास भवन और तहसील के पीछे के इलाके में।नायब तहसील दार के दफ्तर के पीछे काफी जगह है जहाँ सिर्फ भरी नाली, सूअरों का डेरा है। जहाँ साफ-सफाई के साथ जगह का इस्तेमाल हो सकता है। हमारे ज़िले के जिलाधिकारी महोदय बेशक शहर के सुंदरीकरण के लिए दिन-रात एक किये हैं और उनके अथक प्रयास का असर अब शहर में दिखने भी लगा है। इस पोस्ट का मक़सद उनका ध्यान इस और दिलाने की एक कोशिश है। 

Friday 27 May 2016

सदर विधायक नदीम जावेद के पुश्तैनी गांव पाराकमाल में दिनदहाड़े हत्या। दहशत।

जौनपुर। सदर विधायक नदीम जावेद के पुश्तैनी गांव पाराकमाल में आज दिन के लगभग दो बजे वर्तमान प्रधान के पुत्र ज़फर सुपारी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। और हत्यारे सरेआम हत्या करने के बाद बड़े ही आराम से निकल गए।प्राप्त ख़बरों के मुताबिक़ खेतासराय थाना के अंतर्गत आने वाले इस गांव में आज जुमे की नमाज़ अदा करने के बाद घर लौटते वक़्त ज़फर की हत्या कर दी गयी। आनन्-फानन में सदर अस्पताल जौनपुर लाया गया लेकिन वो बच न सका। ख़बर मिलते ही स्थानीय पुलिस और आला अफसर मौके पर पहुँच गए। पर अभी तक हत्यारों की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है।दिनदहाड़े हुयी हत्या से इलाके में दहशत व्याप्त है।

Monday 23 May 2016

रेल मंत्री ने दी जौनपुर वासियों को सौग़ात। सांसद डॉ के.पी. सिंह का प्रयास रंग लाया।

जौनपुर वासियों की बरसों की मांग पूरी हुयी।अब दिनांक 26 मई से बेगमपुरा एक्सप्रेस का ठहराव जौनपुर सिटी स्टेशन पर होगा। वाराणसी से चलकर जम्मूतवी को जाने वाली12237 up और 12238 dn गुरुवार से जौनपुर में रुकेगी। केंद्र सरकार के दो वर्ष पूरा होने पर रेल मंत्री ने जौनपुर वासियों को ये तोहफा दिया है। पर असल बधाई के पात्र तो सांसद डॉ के पी है जिनके विशेष प्रयास से पहले सुहेलदेव एक्सप्रेस और अब बेगमपुरा एक्सप्रेस का ठहराव संभव हो पाया। इस ट्रेन के ठहराव की मांग बहुत पुरानी है। सामाजिक संगठन लोक चेतना मंच ने विमल सिंह, तनवीर अब्बास शास्त्री और सुभाष कुशवाहा के नेतृत्व में बाक़ायदा अभियान चलाकर तब के सांसद धनंजय सिंह, तूफानी सरोज और नगर विधायक  नदीम जावेद को पत्रक सौंप कर 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। जिसमे विभिन्न ट्रेनों के ठहराव, जौनपुर से मुम्बई के लिए ट्रेन चलाने और वरुणा एक्सप्रेस में डिब्बों की संख्या बढ़ाने की मांग की थी। पर नतीजा सिफर रहा। फिर वर्तमान सांसद को चुनाव जीतते ही बधाई के साथ लोक चेतना मंच के प्रतिनिधमण्डल ने पत्रक सौंपा था तभी सांसद ने आश्वासन दिया था की मैं जल्द ही प्रयास कर समस्याओं को दूर करूँगा। अब सांसद जी को बधाई के साथ अनुरोध है की वरुणा में डिब्बों की संख्या बढाने सहित जौनपुर मुम्बई के लिए ट्रेन और जौनपुर सिटी और जंक्शन की समस्याएं दूर कराएं। बेगमपुरा के ठहराव के लिए केंद्रीय रेल मंत्री और सांसद के पी को जनपद वासियों की तरफ से बधाई और धन्यवाद।

Saturday 21 May 2016

मुस्लिम आरक्षण पर बेवक़ूफ़ बनाना और सच्चर कमेटी भूल जाना। वाह अखिलेश जी वाह।

पिछले चुनाव में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा धरा रह गया उसपर कोई अमल नहीं किया गया। इसलिए की सच्चर कमेटी की रिपोर्ट लागू होने से बदतरीन हालात में जी रहे मुसलमानो की शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक हालात में गुणात्मक सुधार होता जो ये सियासत करने वाले नहीं चाहते। सच्चर कमेटी ने माना है कि मुसलमानो के हालात इस मुल्क में अनुसूचित जाति से भी बदतर हैं और यहाँ तक की उन्हें उपर उठाने के लिए आरक्षण की ज़रूरत है। पर आरक्षण ऐसा मुद्दा है कि संविधान संशोधन सामान्यता संभव नहीं दिखता और इस पर हिंदू-मुसलमान का विवाद और सियासत और वोट बैंक की राजनीति ज़रूर संभव है। जो चुनावी वर्ष मे अखिलेश यादव करके वोट बैंक की सियासत और बेवकूफ बनाने का काम ज़रूर कर रहे। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में ढ़ेर सारी सिफारिशें ऐसी हैं जिसे लागू करना राज्य सरकार के अधिकार में है और उसके लागू होने से मुसलमानो की पढाई-लिखाई रोज़गार और जीवन स्तर उपर उठने के चमत्कारिक परिणाम सामने आते। लेकिन ऐसा नहीं किया गया बस मदरसों को अनुदान, कुछ ख़ास मुसलमानो को खुश करना और चुनाव आने पर आरक्षण का शिगूफा छोड़ना ताकि हुकूमत बनी रहे। जो कर सकते वो किया नहीं और जो बस में नहीं उसका ढिंढोरा। वाह अखिलेश जी ये कब तक चलेगा मतदाता जागरूक है और समय पर अपनी ताक़त का एहसास कराता है।

Thursday 12 May 2016

कामयाबी का एक ही मंत्रा मज़बूत इरादे के साथ लगे रहो- क़ासिम आब्दी आईएस टॉपर।

जिनके इरादे कमज़ोर हों और जो त्वरित सफलता चाहते हों उनके लिये यहाँ कोई जगह नहीं और जिनके इरादे मज़बूत हों, हौसले बुलंद हों और बगैर थके अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए लगे रहना जानते हों, उनके लिए सिविल सर्विसेज से आसान कोई एग्जाम नहीं। ये उदगार हैं सिविल सर्विसेज़ में 186वीं रैंक हासिल करने वाले जौनपुर के सपूत मोहम्मद क़ासिम आब्दी के। हमसे मोबाइल पर हुयी बातचीत में बहुत ही सहज दिखे। बड़ी ही सरलता के साथ पूछे गए हर सवाल का बखूबी के साथ जवाब दिया और बातचीत में ये एहसास हुआ कि क़ासिम वाक़ई एक अच्छे व्यक्तित्व के मालिक हैं, बड़े ही खुश मिजाज़ और देश-समाज के लिए कुछ करने का जज़्बा है। ये पूछने पर की ये इरादा कब बना और किसकी प्रेरणा काम आयी तो क़ासिम का कहना था की बचपन में पापा ने कहा बेटा तुम्हे आईएस बनना है तब मैं जानता भी नहीं था की कैसे क्या होगा पर ये तय कर लिया की बनना है तो बनना है और इस मिशन में माँ, बाप, चाचा और सभी का सहयोग रहा पर असल प्रेरणास्रोत तो मामा जवाद साहब थे जो ख़ुद प्रशासनिक सेवा में रहे। उन्हें तो देखकर ही हौसला मिलता था। साल 2010 में इंजिनीरिंग में सेवा का अवसर मिला पर इन्होंने सिर्फ तैयारी को ही अपना रास्ता चुना। ये पूछे जाने पर की मरहूम ज़फरुल हसन खान और उनके बेटे नैय्यर हसनैन खान के बाद एक लंबे अरसे के बाद आपका चयन इस जनपद के आपकी कम्युनिटी से हुआ तो उनका कहना था की ये बात तो हमें नहीं मालूम थी पर इस बात का कष्ट ज़रूर था की इस सेवा में हमारे जनपद से हर वर्ग के होनहारों का चयन होता है तो हमारे वर्ग से क्यों नहीं और मैंने सोचा था कि क्यों न इस मिथक को मैं ही तोड़ूँ और में सफल रहा। अपने जनपद के नौजवान साथियों के लिये क्या सन्देश है पूछने पर उन्होंने कहा सिर्फ एक मंत्रा पूरी लगन के साथ बगैर थके, डिगे बस लगे रहो कामयाबी आपके क़दम चूमेगी।तो क्या इस बार चयन की उम्मीद थी इस सवाल पर श्री आब्दी ने कहा उम्मीद तो मुझे पिछली बार ही थी पर नाकामयाबी पर कभी हताश न होकर हमेशा नई ऊर्जा से लगा रहा। और इसबार आख़िरकार कामयाबी मिल ही गयी।

Tuesday 10 May 2016

जौनपुर के क़ासिम आब्दी ने सिविल सेवा में पायी 186वीं रैंक। ख़ुशी की लहर।

जौनपुर के ग्राम अहिरौली विकास खण्ड सिकरारा निवासी मोहम्मद क़ासिम आब्दी ने सिविल सेवा परीक्षा में 186वीं रैंक हासिल कर जनपद का नाम रौशन किया है। इनके पिता मोहम्मद अकबर सतहरिया पेप्सी में तथा चाचा पूर्वांचल विश्विद्यालय में कार्यरत हैं। क़ासिम के चयन से जनपद वासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। श्री क़ासिम को कर्मचारी नेता तनवीर अब्बास शास्त्री, राजा अंजुम हुसैन, डॉ नाज़िर अब्बास, तौक़ीर मेंहदी रिज़वी जमाल(आजमगढ़) सहित समस्त जनपद वासियों ने बधाई दी है।

Thursday 28 April 2016

लखनऊ। हज़रतगंज के मोतीमहल रेस्टोरेंट में लगी भीषण आग, लाखों का नुक़सान।

लखनऊ के ह्रदय सबसे पाश इलाके हज़रत गंज के मोतीमहल रेस्टोरेंट में लगी भयंकर आग से लाखों के नुक़सान का अनुमान है।आग की लपटें इतनी अधिक थीं कि उन्होंने आस-पास की दुकानों को भी भारी नुक़सान पहुँचाया है। तस्वीर ख़ुद ही सबकुछ बयाँ कर रही है। अभी तक कारण का पता नहीं लग पाया है।

Thursday 21 April 2016

ज्ञान कुमार हर साल करते हैं मौला अली की महफ़िल का आयोजन।

जौनपुर। पिछले कई वर्षों से मौला अली की यौमे विलादत(जन्म दिन) की पूर्व संध्या यानी 12 रजब की शाम ज्ञान कुमार जी शाह के पंजे स्थित मौला अली के रौज़े पर भव्य महफ़िल का आयोजन करते हैं। इस मौके पर शहर भर के शायर कलाम पेश करते हैं और मौलाना हज़रत अली के जीवन पर प्रकाश डालते हैं। इस अवसर मर्द ही नहीं औरतें बच्चे भी मौजूद होते हैं। और हर आने वाले को तबर्रुक(प्रसाद) ठंडा पानी, शरबत, नज़र का सामान ज्ञान जी बड़े ख़ुलूस से देते हैं। मर्दों को गमछा औरतो को रिदा का भी वितरण होता है। इतना ही नहीं आने वालों के लिए वाहन की भी व्यवस्था होती है। पंजाब नेशनल बैंक में प्रबंधक के पद पर कार्यरत ज्ञान जी कर्बला की ज़्यारत भी कर चुके हैं और हर रोज़ बा वज़ू नहजुल बलाग़ा भी पढ़ते हैं। इसके ख़ुत्बे उन्हें ज़बानी याद हैं। आक़ा हुसैन के अज़ादार ज्ञान जी बड़े ख़ुलूस से दो महीना 8 दिन काले कपडे में आक़ा हुसैन की अज़ा करते हैं ज़ार क़तार रोते हैं। आक़ा के ऐसे चाहने वाले को हमारा लाखों सलाम।

Sunday 10 April 2016

पूरे उत्तर भारत में भूकम्प के झटके महसूस किये गए।

राजधानी दिल्ली, एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के हलके झटके महसूस किये गये। 6.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके कुछ सेकण्ड्स तक रुक-रुक कर आये। जिसका केंद्र हिन्दुकुश पर्वत श्रृंखला रही। काबुल लाहौर और कश्मीर सहित कजाकिस्तान में भी झटके महसूस किये गए। लोग घरों से बाहर निकल आये। कुछ देर के लिए राजधानी में मेट्रो भी रोक दी गयी।

Friday 8 April 2016

मिशन 2017 का ज़बरदस्त आग़ाज़, केशव मौर्य बने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष।

भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी का ज़बरदस्त आग़ाज़ करते हुये फूलपुर से सांसद केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। कौशाम्बी के एक गांव के रहने वाले केशव मौर्य पहले 2012 में विधायक बने फिर मोदी लहर में फूलपुर संसदीय हलके से रिकॉर्ड मतों से जीत कर सांसद बने। भाजपा का ये फैसला 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़ा ही फायदेमंद साबित होगा। श्री मौर्य बड़े ही ऊर्जावान, परिश्रमी और व्यवहारकुशल हैं। बेशक ये संगठन में नई जान फूकेंगे जिसकी भाजपा को ज़रुरत थी। साथ ही कोइरी समाज को बड़े पैमाने पर बीजेपी से जोड़ने का कार्य करेंगे। इतना ही नहीं गैर यादव बैकवर्ड को भी जोड़ने की कला इनमे है। कुल मिलकर इतना तो तय है की ये ख़बर सपा-बसपा की नींद उड़ाने को काफी है साथ ही अमित शाह यूपी चुनाव को लेकर कितने गंभीर ये भी दर्शाता है।

Thursday 7 April 2016

नीतीश के बिहार में शराब बंद और अखिलेश के उत्तर प्रदेश में कब?

सदियों से समाज को गर्त में ले जाने घर परिवार को उजाड़ने और तमाम तरह की बुराइयों की प्रमुख वजह शराब है।पर सरकार और नेता के अंदर इसको प्रतिबंधित करने की इच्छा शक्ति नहीं रही क्योंकि आबकारी विभाग इससे बड़े पैमाने पर राजस्व की प्राप्ति करती है जो सरकार चलाने में सहायक है और बड़े पैमाने पर शासन-सत्ता से जुड़े लोगों का ख़ुद शराबी होना है। पर क्या राजस्व प्राप्ति और ख़ुद की बुराई के लिए इस बुराई को बनाये रखना कहाँ का न्याय जो बेशक समाज की बुराइयों की वजह है। देश -समाज बचाना अहम् है या राजस्व? बहरहाल नीतीश कुमार ने इच्छा शक्ति दिखाई चुनावी वादा पूरा किया और साहसिक क़दम उठाया है। बिहार अब गुजरात सहित उन 4 राज्यों में शामिल है जहाँ शराब पर प्रतिबन्ध है तो अखिलेश के यूपी में कब होगा ऐसा क्या उनमे है इच्छा शक्ति देश-समाज बचाने की। शराब बंद करने की?

Saturday 2 April 2016

भाजपा सांसद की गिरफ़्तारी की मांग कांग्रेसियों का कोतवाली पर धरना/प्रदर्शन।

जौनपुर। स्थानीय सांसद के पी सिंह की गिरफ्तारी पर अड़े कांग्रेसियों ने कोतवाली के मुख्यद्वार पर धरना/प्रदर्शन जारी है। सदर विधायक नदीम जावेद के नेतृत्व में चल रहे इस धरने में शामिल कांग्रेसियों का कहना है की नगर की विद्युत् व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अपने अथक प्रयास से नगर के सिपाह मोहल्ले में 5 करोड़ 89 लाख की लागत से खुल रहे उपकेन्द्र का शिलान्यास आज भाजपा सांसद ने करना चाहा जिसका विरोध करने पर लड़ाई झगडे धक्का मुक्की में कांग्रेसियों को चोट आयी ऐसे में सांसद और बीजेपी के अन्य पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी हो वरना हम कोतवाली के मुख्य द्वार को जाम किये रहेंगे। ख़बर लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी था। ज़िला प्रशासन के आला हाकिम पहुँच नहीं सके थे।

Thursday 31 March 2016

जौनपुर गोमती नदी स्वच्छ्ता अभियान का हुआ आग़ाज़।

जौनपुर गोमती नदी को साफ करने का आज ज़िला प्रशासन ने बाक़ायदा आग़ाज़ किया। बरसों से गोमती नदी का बुरा हाल है। कूड़ा-कचरा, गन्दगी और नदी के किनारे पर अवैध कब्ज़ा, मिटटी के ढूह और गन्दगी के अम्बार की वजह से गोमती नदी का अस्तित्व ही ख़तरे में दिखाई दे रहा था ऐसा लगता था की जैसे कोई नाला बह रहा हो। परन्तु आज पहली बार ज़िला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए जेसीबी मशीनों से किनारो की विधिवत सफाई का काम शुरू किया। बेशक हमारे जिलाधिकारी भानु चंद गोस्वामी जी बधाई के पात्र हैं और वास्तव में वो जौनपुर की तस्वीर बदलना चाहते हैं। हम जौनपुर वासी उनके जज़्बे को सलाम करते हैं। गोमती नदी सफाई कार्यक्रम मुकम्मल हुआ तो निश्चित मील का पत्थर साबित होगा।

Wednesday 30 March 2016

भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का एक ही सम्राट---सिर्फ विराट

यूं तो वर्तमान समय में भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सबसे मज़बूत और बेहद संतुलित टीम है। परंतु टीम इण्डिया के प्रशंसकों के विश्वास और भरोसे का दूसरा नाम विराट कोहली है। विराट भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की आस, विश्वास, उम्मीद,सम्मान और एकमात्र सम्राट है। विराट विकेट पर तो पूरा इत्मिनान है। विरोधी टीम के लिए ख़ौफ़ का सबब है। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जिस तरीके से धैर्य पूर्वक विस्फोटक और आत्मविश्वास से लबरेज़ पारी खेलकर रोमांचक मैच में कोहली ने जीत दिलायी है। वो बेशक हमारे लिए वन मैन आर्मी है। सेमीफाइनल और टी 20 वर्ल्ड कप कोहली के दम पर ही जीतना है और ये सितारा दुनिया में क्रिकेट का नया इतिहास रचेगा ऐसा लोगों का विश्वास और भरोसा दोनों है।

Sunday 27 March 2016

आज़मगढ़ को सौग़ातें और जौनपुर को बी श्रेणी का वादा भूले अखिलेश ?

आज़मगढ़ को योजनाओ की सौग़ात चीनी मिल का द्रुतगामी गति से निर्माण और जौनपुर को बी श्रेणी का दर्जा देने का वादा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भूल जाने से जौनपुरवासी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और उनकी भावनाये आहत हैं। ग़ौर तलब है कि साल 2015 में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शरीक होने आये मुख्यमंत्री अखिलेश ने जल्द ही जौनपुर को बी श्रेणी का दर्जा दिए जाने का आश्वासन दिया था। जनपद वासियों को विभिन्न नागरिक सुविधाओं में इज़ाफ़ा होने, विधुत आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ कर्मचारियों को मकान किराये भत्ते में बढ़ोत्तरी की उम्मीद जगी थी परंतु साल 2015 बीत गया और 2016 का मार्च माह भी ख़त्म होने को है परंतु आजतक जनपद को बी श्रेणी का दर्जा दिए जाने की घोषणा नहीं हो सकी और पड़ोसी जनपद आजमगढ़ पर सौगातों की बारिश होने से जनपद वासी दुःखी है पर उम्मीद अभी भी है की अखिलेश जी जौनपुर को न  ही भूलेंगे और न ही अपने किये वादे को।

Saturday 26 March 2016

जिलाधिकारी ने अटाला मस्जिद के पीछे खूबसूरत पत्थर लगाने का किया इफ्तेताह।

जौनपुर। जिलाधिकारी जौनपुर भानुचंद गोस्वामी जहाँ एक तरफ पूरे मनोयोग से शहर के सुंदरीकरण, सड़कों को चौड़ा करने और अतिक्रमण को ध्वस्त करने का काम करा रहे हैं। तो दूसरी तरफ ऐतिहासिक इमारतों के सरंक्षण और उन्हें और खूबसूरत बनाने के भरपूर प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में पहले उन्होंने अटाला मस्जिद की पश्चिमी दीवार से सटे अतिक्रमण दुकान आदि को ध्वस्त कराया और आज खूबसूरत और विशेष् आकार के पत्थरों के लगाने का ख़ुद अपने कर-कमलों से इफ्तेताह किया। इस अवसर पर ईओ नगर पालिका, कमाल आज़मी,अटाला कमेटी के पदाधिकारी,आकिब ख़ान, जमाल बासित खान,सभासद पद के उम्मीदवार अलमास सिद्दीकी, बेलाल अंसारी अधिवक्ता, नाजिश अख़्तर सहित काफी तादाद में मोहल्ले वासी रहे।

मांगे पूरी नहीं हुयी तो बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का होगा बहिष्कार- रमेश सिंह

28 मार्च को माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव के साथ होने वाली वार्ता में सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की तो दिनाक 30 मार्च से होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार होगा। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री रमेश सिंह ने आज जारी प्रेस नोट में कहा की विगत वर्ष मूल्यांकन बहिष्कार के फलस्वरूप मुख्यमंत्री जी ने संघठन के अध्यक्ष व् सदस्य विधानपरिषद चेतनारायन सिंह समेत सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से 7 अप्रैल 2015 को वार्ता करके वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय, तदर्थ शिक्षकों के विनियमति करने, और पुरानी पेंशन बहाली आदि मांगो पर सहमति व्यक्त करते हुये शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया था। परंतु दुर्भाग्य से आज तक किर्यान्यवन नहीं हो सका। श्री सिंह का कहना था कि यदि 28 मार्च की वार्ता विफल हुयी तो 30 मार्च से मूल्यांकन बहिष्कार के राज्यपरिषद् द्वारा दिए निर्णय पर अडिग रहना होगा जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।

Friday 25 March 2016

सपा ने जौनपुर से जावेद सिद्दीकी को दिया टिकट, दिग्गजों के हौसले पस्त।

समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2017 के लिए अपने प्रत्याशियों की 143 की लिस्ट आज जारी कर दी। जिसमे जौनपुर सदर विधानसभा से मोहम्मद जावेद सिद्दीकी का नाम है। जो हैरत में डालने वाला है खासतौर से सपा के दिग्गज नेताओं को। जौनपुर से जो दिग्गज टिकट की लाइन में थे उनमे सपा के राष्ट्रिय महासचिव और जौनपुर से पूर्व विधायक मोहम्मद अरशद खान, अब्दुल क़ादिर खान प्राचार्य मोहम्मद हसन डिग्री कॉलेज, पूर्व विधायक और प्रखर वक्ता अफ़ज़ाल अहमद आदि पर इन सब को टिकट नहीं मिला और बाज़ी मारी मोहम्मद जावेद सिद्दीकी ने जो युवा है और पार्टी में जूनियर भी। लेकिन वो पिछले कई वर्षों से टिकट के लिए प्रयासरत रहे। चर्चा तो ये भी है कि इनका टिकट आख़िर तक क़ायम रहेगा इसमें लोगों को संदेह है। परिवर्तन होगा ऐसी उम्मीद भी बहुत से सपाई पाले हुये हैं।