जौनपुर। पिछले कई वर्षों से मौला अली की यौमे विलादत(जन्म दिन) की पूर्व संध्या यानी 12 रजब की शाम ज्ञान कुमार जी शाह के पंजे स्थित मौला अली के रौज़े पर भव्य महफ़िल का आयोजन करते हैं। इस मौके पर शहर भर के शायर कलाम पेश करते हैं और मौलाना हज़रत अली के जीवन पर प्रकाश डालते हैं। इस अवसर मर्द ही नहीं औरतें बच्चे भी मौजूद होते हैं। और हर आने वाले को तबर्रुक(प्रसाद) ठंडा पानी, शरबत, नज़र का सामान ज्ञान जी बड़े ख़ुलूस से देते हैं। मर्दों को गमछा औरतो को रिदा का भी वितरण होता है। इतना ही नहीं आने वालों के लिए वाहन की भी व्यवस्था होती है। पंजाब नेशनल बैंक में प्रबंधक के पद पर कार्यरत ज्ञान जी कर्बला की ज़्यारत भी कर चुके हैं और हर रोज़ बा वज़ू नहजुल बलाग़ा भी पढ़ते हैं। इसके ख़ुत्बे उन्हें ज़बानी याद हैं। आक़ा हुसैन के अज़ादार ज्ञान जी बड़े ख़ुलूस से दो महीना 8 दिन काले कपडे में आक़ा हुसैन की अज़ा करते हैं ज़ार क़तार रोते हैं। आक़ा के ऐसे चाहने वाले को हमारा लाखों सलाम।
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