Thursday 31 March 2016

जौनपुर गोमती नदी स्वच्छ्ता अभियान का हुआ आग़ाज़।

जौनपुर गोमती नदी को साफ करने का आज ज़िला प्रशासन ने बाक़ायदा आग़ाज़ किया। बरसों से गोमती नदी का बुरा हाल है। कूड़ा-कचरा, गन्दगी और नदी के किनारे पर अवैध कब्ज़ा, मिटटी के ढूह और गन्दगी के अम्बार की वजह से गोमती नदी का अस्तित्व ही ख़तरे में दिखाई दे रहा था ऐसा लगता था की जैसे कोई नाला बह रहा हो। परन्तु आज पहली बार ज़िला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए जेसीबी मशीनों से किनारो की विधिवत सफाई का काम शुरू किया। बेशक हमारे जिलाधिकारी भानु चंद गोस्वामी जी बधाई के पात्र हैं और वास्तव में वो जौनपुर की तस्वीर बदलना चाहते हैं। हम जौनपुर वासी उनके जज़्बे को सलाम करते हैं। गोमती नदी सफाई कार्यक्रम मुकम्मल हुआ तो निश्चित मील का पत्थर साबित होगा।

Wednesday 30 March 2016

भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का एक ही सम्राट---सिर्फ विराट

यूं तो वर्तमान समय में भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सबसे मज़बूत और बेहद संतुलित टीम है। परंतु टीम इण्डिया के प्रशंसकों के विश्वास और भरोसे का दूसरा नाम विराट कोहली है। विराट भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की आस, विश्वास, उम्मीद,सम्मान और एकमात्र सम्राट है। विराट विकेट पर तो पूरा इत्मिनान है। विरोधी टीम के लिए ख़ौफ़ का सबब है। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ जिस तरीके से धैर्य पूर्वक विस्फोटक और आत्मविश्वास से लबरेज़ पारी खेलकर रोमांचक मैच में कोहली ने जीत दिलायी है। वो बेशक हमारे लिए वन मैन आर्मी है। सेमीफाइनल और टी 20 वर्ल्ड कप कोहली के दम पर ही जीतना है और ये सितारा दुनिया में क्रिकेट का नया इतिहास रचेगा ऐसा लोगों का विश्वास और भरोसा दोनों है।

Sunday 27 March 2016

आज़मगढ़ को सौग़ातें और जौनपुर को बी श्रेणी का वादा भूले अखिलेश ?

आज़मगढ़ को योजनाओ की सौग़ात चीनी मिल का द्रुतगामी गति से निर्माण और जौनपुर को बी श्रेणी का दर्जा देने का वादा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भूल जाने से जौनपुरवासी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और उनकी भावनाये आहत हैं। ग़ौर तलब है कि साल 2015 में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शरीक होने आये मुख्यमंत्री अखिलेश ने जल्द ही जौनपुर को बी श्रेणी का दर्जा दिए जाने का आश्वासन दिया था। जनपद वासियों को विभिन्न नागरिक सुविधाओं में इज़ाफ़ा होने, विधुत आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ कर्मचारियों को मकान किराये भत्ते में बढ़ोत्तरी की उम्मीद जगी थी परंतु साल 2015 बीत गया और 2016 का मार्च माह भी ख़त्म होने को है परंतु आजतक जनपद को बी श्रेणी का दर्जा दिए जाने की घोषणा नहीं हो सकी और पड़ोसी जनपद आजमगढ़ पर सौगातों की बारिश होने से जनपद वासी दुःखी है पर उम्मीद अभी भी है की अखिलेश जी जौनपुर को न  ही भूलेंगे और न ही अपने किये वादे को।

Saturday 26 March 2016

जिलाधिकारी ने अटाला मस्जिद के पीछे खूबसूरत पत्थर लगाने का किया इफ्तेताह।

जौनपुर। जिलाधिकारी जौनपुर भानुचंद गोस्वामी जहाँ एक तरफ पूरे मनोयोग से शहर के सुंदरीकरण, सड़कों को चौड़ा करने और अतिक्रमण को ध्वस्त करने का काम करा रहे हैं। तो दूसरी तरफ ऐतिहासिक इमारतों के सरंक्षण और उन्हें और खूबसूरत बनाने के भरपूर प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में पहले उन्होंने अटाला मस्जिद की पश्चिमी दीवार से सटे अतिक्रमण दुकान आदि को ध्वस्त कराया और आज खूबसूरत और विशेष् आकार के पत्थरों के लगाने का ख़ुद अपने कर-कमलों से इफ्तेताह किया। इस अवसर पर ईओ नगर पालिका, कमाल आज़मी,अटाला कमेटी के पदाधिकारी,आकिब ख़ान, जमाल बासित खान,सभासद पद के उम्मीदवार अलमास सिद्दीकी, बेलाल अंसारी अधिवक्ता, नाजिश अख़्तर सहित काफी तादाद में मोहल्ले वासी रहे।

मांगे पूरी नहीं हुयी तो बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का होगा बहिष्कार- रमेश सिंह

28 मार्च को माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव के साथ होने वाली वार्ता में सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की तो दिनाक 30 मार्च से होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार होगा। माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री रमेश सिंह ने आज जारी प्रेस नोट में कहा की विगत वर्ष मूल्यांकन बहिष्कार के फलस्वरूप मुख्यमंत्री जी ने संघठन के अध्यक्ष व् सदस्य विधानपरिषद चेतनारायन सिंह समेत सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से 7 अप्रैल 2015 को वार्ता करके वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय, तदर्थ शिक्षकों के विनियमति करने, और पुरानी पेंशन बहाली आदि मांगो पर सहमति व्यक्त करते हुये शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया था। परंतु दुर्भाग्य से आज तक किर्यान्यवन नहीं हो सका। श्री सिंह का कहना था कि यदि 28 मार्च की वार्ता विफल हुयी तो 30 मार्च से मूल्यांकन बहिष्कार के राज्यपरिषद् द्वारा दिए निर्णय पर अडिग रहना होगा जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।

Friday 25 March 2016

सपा ने जौनपुर से जावेद सिद्दीकी को दिया टिकट, दिग्गजों के हौसले पस्त।

समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2017 के लिए अपने प्रत्याशियों की 143 की लिस्ट आज जारी कर दी। जिसमे जौनपुर सदर विधानसभा से मोहम्मद जावेद सिद्दीकी का नाम है। जो हैरत में डालने वाला है खासतौर से सपा के दिग्गज नेताओं को। जौनपुर से जो दिग्गज टिकट की लाइन में थे उनमे सपा के राष्ट्रिय महासचिव और जौनपुर से पूर्व विधायक मोहम्मद अरशद खान, अब्दुल क़ादिर खान प्राचार्य मोहम्मद हसन डिग्री कॉलेज, पूर्व विधायक और प्रखर वक्ता अफ़ज़ाल अहमद आदि पर इन सब को टिकट नहीं मिला और बाज़ी मारी मोहम्मद जावेद सिद्दीकी ने जो युवा है और पार्टी में जूनियर भी। लेकिन वो पिछले कई वर्षों से टिकट के लिए प्रयासरत रहे। चर्चा तो ये भी है कि इनका टिकट आख़िर तक क़ायम रहेगा इसमें लोगों को संदेह है। परिवर्तन होगा ऐसी उम्मीद भी बहुत से सपाई पाले हुये हैं।

Wednesday 23 March 2016

शहीदे-आज़म भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं, वाह रे मेरा भारत महान।

मुल्क को अंग्रेजों की ग़ुलामी से आज़ाद कराने के लिए हँसते-हँसते फाँसी के फंदे पर झूलने वाले शहीदे-आज़म भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव को आज तक शहीद का दर्जा प्राप्त नहीं है। जो सरकारें चाहे वो राष्ट्रवादी हो या कोई और जब भगतसिंह जैसे शहीद को शहीद न माने ऐसी अंग्रेज़ी मानसिकता के हुक्मरानों से आप ये उम्मीद करें की वो न्याय करेंगे ग़रीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी, असमानता और अशिक्षा के लिए फैसलाकुन क़दम उठाएंगे तो हमारी आपकी भूल है। भगत सिंह के प्रपौत्र यादवेन्द्र सिंह शहादत के 84 साल बाद शहीद का दर्जा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।हाल ही में वो राष्ट्रवादी सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात कर वीर सपूतों को शहीद का दर्जा देने की  मांग की। उन्होंने कहा सरकार शहीदों का सम्मान करती है और इस पर काम चल रहा है। अगर भगत सिंह जैसों ने भी काम चलाया होता तो आज शायद मुल्क आज़ाद न होता। बहरहाल भगत सिंह के प्रपौत्र यादवेन्द्र सिंह जल्द ही पी ऍम मोदी से मिलेंगे। पर अहम् ये है कि अंग्रेजों की मानसिकता वाली सरकारें माने न माने पूरा देश उन शहीदों को नमन करता है और इन शहीदों को पूरी श्रद्धा से सलाम करता है इस उम्मीद के साथ की शहीदों तेरे अरमानों को मंज़िल तक पहुंचाएंगे। जय हिन्द, जय हिन्द।

Tuesday 22 March 2016

गंगा-जमुनी संस्कृति ,होली पर ईद का असर कब होगी 23 या 24 को ?

भारत विविधिताओं का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति, सम्प्रदाय के लोग रहते हैं। पर इन विभिन्नताओं में एकता भी साफ झलकती है। सदियों से साथ रहते-रहते एक दूसरे की संस्कृतियों का भी असर हुआ है। जिसकी साफ मिसाल इस साल होली का त्यौहार है। पहले हमारे हिन्दू मित्र पूछते थे की भाईसाहब ईद कब मना रहे कल या परसों, वही हाल इस बार होली पर देखने को मिला। कि होली कल है कि परसों तो है न ईद का असर। ये तो कहने की बात भर है असल बात तो ये है कि गले मिलने और गिले-शिकवे मिटाने और आपसी भाई-चारा ईद और होली दोनों बढ़ाते हैं तो चाहे जब मनाएं जम के मनाएं। और इसी उम्मीद के साथ की बुरा बिलकुल न मानो होली है।

Sunday 20 March 2016

जौनपुर की ऐतिहासिक शाही किले की टंकी को तोड़ने का कार्य शुरू।

जौनपुर। ऐतिहासिक शाही किले के ठीक सामने स्थित किले की टंकी को तोड़ने का कार्य शुरू हो गया है। बताया जाता है कि सन 1935 में ब्रिटिश हुक्मरानों ने इसका निर्माण कराया था। जो अपने आप में उस समय की आधुनिक तकनीक के आधार पर बनी थी जो जलकल जौनपुर से पानी की सप्लाई होने पर नीचे से उपर प्रेशर के कारण भरती थी फिर जलकल से पानी बंद होने पर भी ये पूरे इलाके में पानी सप्लाई  करती थी। फिर कोई सन 1950 में इसका इस्तेमाल बंद कर दिया गया। वर्तमान में ये पूरे शहर में किले की टंकी लैंड मार्क के रूप में विख्यात है। हाल के वर्षों में भी एक बार इसकी आज़माइश जलकल वालों ने की थी। और माना कि इसका इस्तेमाल कर पानी सप्लाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है। पर जौनपुर सुंदरीकरण अभियान में प्रशासन का मानना है कि ये फ़िज़ूल की जगह घेरे है इसका टूटना ज़रूरी ताकि किले तिराहे को चौड़ा सुन्दर बनाया जा सके। लोगों का इससे एक लगाव सा है और पानी की सप्लाई के लिए इस्तेमाल हो सकता था। इसलिए बहुत से लोग किले की टंकी टूटने से खुश नहीं हैं।

Friday 18 March 2016

चकबंदी कर्मचारियों की मांगें पूरी, हड़ताल स्थगित- अजय श्रीवास्तव अध्य्क्ष।

जौनपुर। एक सप्ताह के अंदर विभाग के कर्मचारियों को ए सी पी का लाभ दिए जाने के आश्वासन के बाद चकबन्दी विभाग के कर्मचारियों की 18 मार्च से प्रस्तावित हड़ताल स्थगित कर दी गयी है। शुक्रवार को बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी कार्यालय पर आयोजित विभाग के समस्त कर्मचारी संगठनो के पदाधिकारियो और सक्रिय सदस्यों की उपस्थिति में चकबंदी कर्मियों को संबोधित करते हुये चकबंदी कर्ता संघ के अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव का कहना था कि अधिकारीयों के साथ हुयी सम्मानजनक वार्ता और एक हफ़्ते में मांग पूरी होने के आश्वासन के बाद प्रस्तावित हड़ताल स्थगित की जाती है। श्री श्रीवास्तव ने समस्त पदाधिकारियो और कर्मचारी साथियों का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर पर शिवशंकर यादव, अरविन्द सिंह, अरुण सिंह,संतोष अस्थाना, लक्षमण सिंह, शजर हसन, नज़रुल इस्लाम कड़े बहादुर, राम आसरे यादव आदि रहे।

Friday 11 March 2016

उर्दू अध्यापक कॉउंसलिंग में धांधली, भ्रस्टाचार के आरोप। जिलाधिकारी को दिया पत्रक।

जौनपुर। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् विभाग द्वारा 3500 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति/चयन हेतु द्वितीय कॉउंसलिंग में विभाग द्वारा धांधली, मनमानी और भ्रष्टाचार का आरोप अभ्यर्थियों ने लगाया है। शुक्रवार को आक्रोशित अभ्यर्थियों ने जिलाधिकारी को संबोधित पत्रक उपजिलाधिकारी रिंकी जायसवाल को सौंपा। अभ्यर्थियों ने जिलाधिकारी से प्रकरण की जाँच कराने और कॉउंसलिंग के दिन उपस्थित वास्तविक कुल 35 अभ्यर्थियों में से ही मेरिट की वरीयता के क्रम में निर्धारित पदों के सापेक्ष अनंतिम सूची तैयार कराने की मांग की है ताकि हक़्तलफी न हो और न्याय हो सके। सहायक उर्दू अध्यापक कॉउंसलिग के अभ्यर्थियों का स्पष्ट शब्दों में कहना था कि द्धितीय कॉउंसलिंग के दिन 5 मार्च को सुबह 10 बजे से सांय 5 बजे तक सामान्य वर्ग के 25, ओबीसी वर्ग के 9 तथा एक विकलांग अभ्यर्थी ने यानि कुल 35 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। किन्तु विश्वस्त सूत्रों से पता चला है की बाद में बेसिक शिक्षा कार्यालय जौनपुर द्वारा पैसा लेकर कई लोगों के मूल  प्रमाणपत्र लेकर उन्हें शामिल करने की साज़िश चल रही है। जो वास्तविक अभ्यर्थियों के साथ धोखा और अन्याय है। जिलाधिकारी से जाँच और न्याय की मांग की गयी है। पत्रक सौपने वालों में ज़किया मेंहदी ज़िला अध्य्क्ष मुअल्लिम संघ, अयाज़ अहमद, तसनीम हैदर खान,मोहम्मद अख्तर, आलम आरा, शब्बी बानो, राश्की बानो, मुहम्मद हलीम, सबीना परवीन, उम्मे ज़हरा आदि रहे।

न ऐसा खतीब देखा और न ऐसी खेताबत। खतीबे-अकबर के चालीसवें की मजलिस 3 अप्रैल को।

हिंदुस्तान की अज़ादारी पूरी दुनिया में अपना मुक़ाम रखती है। और हिंदुस्तान में लखनऊ तो हमेशा से अज़ादारी का मरकज़ रहा। इस सर ज़मीन ने एक से बढ़कर एक आलिम,ज़ाकिर और खतीब पैदा किये जिन्होंने पूरी दुनिया में अपना मुल्क का और इस सरज़मीन का नाम रौशन किया। इस फेहरिस्त में मरहूम मिर्ज़ा मोहम्मद अतहर का नाम सबसे ऊपर है। जिनकी खेताबत और उनके जुदा अंदाज़ की पूरी दुनिया क़ायल है। इल्म का खज़ाना, बेहतरीन नायाब मिसालें और बा आसानी अपनी बात लोगों तक पहुचाने के फन का जवाब नहीं। मुम्बई की मुग़ल मस्जिद में एक ही मेम्बर से लगातार 50 साल से ज़्यादा अशरे को ख़िताब करने का रिकॉर्ड भी है और ये सलाहियत भी उन्ही को हासिल थी। और चाहने वाले ऐसे की हर क़ौमों मिल्लत के लोग उन्हें सुनने आते थे। उनके चालीसवें की मजलिस 3 अप्रैल बरोज़ इतवार 10 बजे दिन बड़े इमामबाड़े में होगी जिसमे मुल्क के हर कोने से मौला के अज़ादार पहुँच रहे हैं। जो खुद अपने आप में एक तारीख़ होगी। सही है की न ऐसा खतीब देखा न ऐसी खेताबत।

Sunday 6 March 2016

जौनपुर की ऐतिहासिक शाही अटाला मस्जिद के सुंदरीकरण का कार्य जारी।

जौनपुर। ज़िला प्रशासन जहाँ पूरे शहर को सुंदर बनाने, अतिक्रमण हटाने,सड़को को चौड़ा करने, चौराहों को सजाने और पार्क आदि का निर्माण तो करा ही रहा है साथ ही साथ शिराज़-ए-हिन्द जौनपुर की ऐतिहासिक धरोहरों को भी अतिक्रमण मुक्त कराने, संरक्षा,सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें चारों तरफ से ऐसा इंतज़ाम किया जा रहा है जिससे इन तारीख़ी इमारतों की ख़ूबसूरती में इज़ाफ़ा हो सके। इसी क्रम में सबसे पहले अटाला मस्जिद की पश्चिमी दीवार से सटकर बनी अतिक्रमित दुकानों रिक्शा गैरेज आदि का ध्वस्तीकरण का कार्य हुआ। अब उस दीवार के ठीक बग़ल खूबसूरत चबूतरे का निर्माण हो रहा है और बची ही सारी जगह पर ख़ूबसूरत पत्थर बिछाये जायेंगे। सुरक्षा भी और सुंदरीकरण भी। तो वाक़ई अब शहर जौनपुर में चार चाँद लगने वाला है। जो जिलाधिकारी जौनपुर भानुचंद गोस्वामी के विशेष् प्रयास का नतीजा है।

पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने जौनपुर में पलटी राजनैतिक बाज़ी।

शासन-सत्ता की हनक के बावजूद सपा को भारी अंतर से हराने और बसपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने का श्रेय सिर्फ और सिर्फ पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जाता है। ये उनकी ज़बरदस्त व्यूह रचना, अनोखी रणनीति और अत्यंत दूरगामी सोच का नतीजा है।नगर पालिका चुनाव हो या पंचायत निर्वाचन सभी में प्रत्याशियों को खड़ा करना, समर्थन करना आदि वो अपनी रणनीति बरसों पहले बनाकर अमल करते हैं।अपने प्रतिद्वंदियों पर गहरी नज़र, उनकी कमी, अच्छाई का तुलनात्मक अध्धयन और फिर पूरे तन मन धन और मनोयोग से अपने को रण में झोंक देना उनकी विशेष्ता है। अपने राजनैतिक विरोधियों की हर चाल पर नज़र रखना और स्वंय गुप्त रणनीति बनाकर अमल करना उनकी कामयाबी की वजह रही है। वर्तमान स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में सपा को पटखनी देकर अपने अत्यंत क़रीबी प्रिंसू को जीताकर उन्होंने ज़िले में अपनी राजनैतिक मज़बूती का एहसास कराया है। जिसका असर बेशक आगामी विधान सभा चुनाव में साफ दिखाई देगा। 

Saturday 5 March 2016

सपा को करारा झटका बृजेश सिंह प्रिंसु बसपा 765 वोट से विजयी।

स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में जौनपुर से बसपा प्रत्याशी ब्रजेश सिंह प्रिंसू ने अपने निकटतम सपा के लल्लन प्रसाद यादव को765 मतों से पराजित किया। बेशक इस जीत का श्रेय पूर्व सांसद धनजंय सिंह को जाता है। उनकी बाक़ायदा तैयारी और सतत प्रयास का नतीजा है ये और सपा की नाकामी भी साफ झलकती है। निश्चित रूप से ये ऐतिहासिक सफलता है।प्रिंसू को कुल 1743 लल्लन सपा को 978 और सतीश सिंह बीजेपी को 230 मत मिले।

आज़ादी की नई इबारत लिखने को बेताब....है हक़ हमारा आज़ादी

है हक़ हमारा आज़ादी, हम लेकर रहेंगे आज़ादी, आज़ादी,आज़ादी आज़ादी जी हाँ ज़मानत पर रिहा होने के बाद jnu छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया ने कैंपस में उपस्थित विशाल जनसमूह को 50 मिनट तक जिस अंदाज़ में संबोधित किया उसमे न डर था न ख़ौफ़ न हड़बड़ाहट न बौखलाहट बल्कि गज़ब का आत्म विश्वास, शासन-सत्ता और व्यवस्था के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त आक्रोश पर भारत के संविधान क़ानून और न्याय पर पूरा भरोसा। इस पूरे भाषण का मुल्क पर दो असर हुआ एक तो भाजपा,मोदी,संघ आदि के समर्थक एक विशेष् विचारधारा के पोषक लोगों को बड़ा नागवार गुज़रा और उन्होंने अपने तर्क-कुतर्क से इसे ग़लत साबित करने की हर कोशिश की गयी। दूसरे वो लोग जिनकी तादाद बहुत ज़्यादा उन्हें इस आज़ादी के नारे में अपनी गुलामी साफ नज़र आयी और आज़ादी अपना अधिकार भी समझ आया और कन्हैया की तक़रीर में एक कशिश, उमंग, विश्वास और अपनी-अपनी गुलामियों से आज़ाद होने की मज़बूत उम्मीद भी नज़र आयी। और समझ आया की वो जिसे हम बरसों से अपनी समस्या समझते थे वो अब ग़ुलामी (दासता)में बदल चुकी है। और समस्या का तो निदान हो सकता है। पर ग़ुलामी से मुक्ति के लिए तो आज़ादी का झंडा बुलंद ही करना पड़ता है। 15 अगस्त 1947 के बाद ऐसा लगता था कि अब इस मुल्क में न तो ग़ुलामी है न ही आज़ादी की कोई ज़रुरत। पर कन्हैया ने आज़ादी और क्रांति की नई इबारत लिखना शुरू किया है। और लोगों को उनकी गुलामी का एहसास कराया और आज़ादी का जज़्बा पैदा किया है। इस नौजवान ने कोई सपना नहीं बेचा बल्कि जो ग़ुलाम बनाये रखना चाहते है गुलामी पसंद और उनके अन्धभक्त उनकी चूले हिलायी हैं और आम भारतीय में नया जोश। आज़ादी का नारा मात्र बड़ा जोश पैदा करता है और लड़ने जीतने की ताक़त भी देता है। अब देखते हैं आगे ...... आज़ादी आज़ादी आज़ादी जयहिंद।