Wednesday 23 March 2016

शहीदे-आज़म भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं, वाह रे मेरा भारत महान।

मुल्क को अंग्रेजों की ग़ुलामी से आज़ाद कराने के लिए हँसते-हँसते फाँसी के फंदे पर झूलने वाले शहीदे-आज़म भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव को आज तक शहीद का दर्जा प्राप्त नहीं है। जो सरकारें चाहे वो राष्ट्रवादी हो या कोई और जब भगतसिंह जैसे शहीद को शहीद न माने ऐसी अंग्रेज़ी मानसिकता के हुक्मरानों से आप ये उम्मीद करें की वो न्याय करेंगे ग़रीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी, असमानता और अशिक्षा के लिए फैसलाकुन क़दम उठाएंगे तो हमारी आपकी भूल है। भगत सिंह के प्रपौत्र यादवेन्द्र सिंह शहादत के 84 साल बाद शहीद का दर्जा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।हाल ही में वो राष्ट्रवादी सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात कर वीर सपूतों को शहीद का दर्जा देने की  मांग की। उन्होंने कहा सरकार शहीदों का सम्मान करती है और इस पर काम चल रहा है। अगर भगत सिंह जैसों ने भी काम चलाया होता तो आज शायद मुल्क आज़ाद न होता। बहरहाल भगत सिंह के प्रपौत्र यादवेन्द्र सिंह जल्द ही पी ऍम मोदी से मिलेंगे। पर अहम् ये है कि अंग्रेजों की मानसिकता वाली सरकारें माने न माने पूरा देश उन शहीदों को नमन करता है और इन शहीदों को पूरी श्रद्धा से सलाम करता है इस उम्मीद के साथ की शहीदों तेरे अरमानों को मंज़िल तक पहुंचाएंगे। जय हिन्द, जय हिन्द।

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