हिंदुस्तान की अज़ादारी पूरी दुनिया में अपना मुक़ाम रखती है। और हिंदुस्तान में लखनऊ तो हमेशा से अज़ादारी का मरकज़ रहा। इस सर ज़मीन ने एक से बढ़कर एक आलिम,ज़ाकिर और खतीब पैदा किये जिन्होंने पूरी दुनिया में अपना मुल्क का और इस सरज़मीन का नाम रौशन किया। इस फेहरिस्त में मरहूम मिर्ज़ा मोहम्मद अतहर का नाम सबसे ऊपर है। जिनकी खेताबत और उनके जुदा अंदाज़ की पूरी दुनिया क़ायल है। इल्म का खज़ाना, बेहतरीन नायाब मिसालें और बा आसानी अपनी बात लोगों तक पहुचाने के फन का जवाब नहीं। मुम्बई की मुग़ल मस्जिद में एक ही मेम्बर से लगातार 50 साल से ज़्यादा अशरे को ख़िताब करने का रिकॉर्ड भी है और ये सलाहियत भी उन्ही को हासिल थी। और चाहने वाले ऐसे की हर क़ौमों मिल्लत के लोग उन्हें सुनने आते थे। उनके चालीसवें की मजलिस 3 अप्रैल बरोज़ इतवार 10 बजे दिन बड़े इमामबाड़े में होगी जिसमे मुल्क के हर कोने से मौला के अज़ादार पहुँच रहे हैं। जो खुद अपने आप में एक तारीख़ होगी। सही है की न ऐसा खतीब देखा न ऐसी खेताबत।
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