Friday 11 March 2016

उर्दू अध्यापक कॉउंसलिंग में धांधली, भ्रस्टाचार के आरोप। जिलाधिकारी को दिया पत्रक।

जौनपुर। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् विभाग द्वारा 3500 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति/चयन हेतु द्वितीय कॉउंसलिंग में विभाग द्वारा धांधली, मनमानी और भ्रष्टाचार का आरोप अभ्यर्थियों ने लगाया है। शुक्रवार को आक्रोशित अभ्यर्थियों ने जिलाधिकारी को संबोधित पत्रक उपजिलाधिकारी रिंकी जायसवाल को सौंपा। अभ्यर्थियों ने जिलाधिकारी से प्रकरण की जाँच कराने और कॉउंसलिंग के दिन उपस्थित वास्तविक कुल 35 अभ्यर्थियों में से ही मेरिट की वरीयता के क्रम में निर्धारित पदों के सापेक्ष अनंतिम सूची तैयार कराने की मांग की है ताकि हक़्तलफी न हो और न्याय हो सके। सहायक उर्दू अध्यापक कॉउंसलिग के अभ्यर्थियों का स्पष्ट शब्दों में कहना था कि द्धितीय कॉउंसलिंग के दिन 5 मार्च को सुबह 10 बजे से सांय 5 बजे तक सामान्य वर्ग के 25, ओबीसी वर्ग के 9 तथा एक विकलांग अभ्यर्थी ने यानि कुल 35 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। किन्तु विश्वस्त सूत्रों से पता चला है की बाद में बेसिक शिक्षा कार्यालय जौनपुर द्वारा पैसा लेकर कई लोगों के मूल  प्रमाणपत्र लेकर उन्हें शामिल करने की साज़िश चल रही है। जो वास्तविक अभ्यर्थियों के साथ धोखा और अन्याय है। जिलाधिकारी से जाँच और न्याय की मांग की गयी है। पत्रक सौपने वालों में ज़किया मेंहदी ज़िला अध्य्क्ष मुअल्लिम संघ, अयाज़ अहमद, तसनीम हैदर खान,मोहम्मद अख्तर, आलम आरा, शब्बी बानो, राश्की बानो, मुहम्मद हलीम, सबीना परवीन, उम्मे ज़हरा आदि रहे।

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