Friday 9 September 2016

जब जौनपुर शहर का सामना हुआ भयंकर बदबू और संक्रमण से।

जौनपुर। 9 सितम्बर की सुबह जब शहर जौनपुर के उत्तरी इलाके के लोगों ने सुबह-सबेरे घर से बाहर क़दम रखा तो चाहरसू चौराहा ,किले के आसपास , तथा सदभावना पुल के दोनों छोर तक स्लाटर हाउस के मलवे की बदौलत इस क़दर बदबू की नागरिकों का आना जाना दुशवार था। किसी तरह लोग नाक पर रुमाल रख अपना रास्ता तय कर रहे थे। जो ज़्यादा संवेदनशील थे उनका उलटी से बुरा हाल था। शहर का एक बड़ा हिस्सा बदबू और संक्रमण की भेट चढ़ चुका था। तभी नागरिक अधिकारों के प्रति सजग और संघर्षत जौनपुर संघर्ष मोर्चा ने सोये हुये प्रशासन को नींद से जगाया और दर्जनों पदाधिकारियों के साथ नगर पालिका पहुँच कर अधिशाषी अधिकारी से रोष प्रकट करते हुये। उनको उनके कर्तव्य का एहसास कराया। तब जाकर नगर पालिका प्रशासन हरकत में आया और आनन् फानन में करवाई शुरू कर दी। मोर्चा ने पत्रक देकर प्रशासन को आगाह करते हुये भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए चेतावनी भी दिया। मोर्चा ने पूरे शहर में अतिक्रमण के मलवे से उत्पन्न गन्दगी और जलजमाव से नागरिकों को निजात दिलाने सहित शहर की कई समस्याओं की तरफ ईओ का ध्यान आकृष्ट कराया। मोर्चा के पदाधिकारियों का नेतृत्व मोर्चा के प्रमुख सुभास कुशवाहा, सतवंत सिंह, महेश सेठ, आकिल जौनपुरी आदि कर रहे थे।

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