Monday 11 January 2016

महान विचारक शहीद और सऊदी अरब के महात्मा गांधी के जीवन पर एक नज़र।

आम तौर पर ये धारणा है कि शहीद शेख़ बाकिर अल निम्र महज़ एक शिया धर्मगुरु थे पर ये न सच है और न ही उस व्यक्तित्व के साथ इंसाफ होगा। शेख़ बाकिर एक महान क्रन्तिकारी विचारक सऊदी अरब में जनआंदोलन के जनक सत्यवादी अहिंसावादी सत्य और न्याय के लिये सदैव संघर्षरत और नागरिक अधिकारों और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर करने वाले को अगर सऊदी अरब का महात्मा गांधी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। जी हाँ साठ के दशक में सऊदी अरब में जन्मे शेख़ बाकिर अल निम्र ने प्रारंभिक शिक्षा अपने देश से प्राप्त की फिर उच्च शिक्षा सीरिया और ईरान से ग्रहण करने के बाद वापस अपने देश में आ गए और फिर शुरू हुआ ऐतिहासिक क़दम आपने एक मदरसे क़ायम की स्थापना की। आप इस बात के धुर विरोधी थे की सऊदी अरब में एक परिवार आले सऊद की तानाशाह और निरंकुश हुकूमत रहे। आप वहां लोकतान्त्रिक व्ययवस्था क़ायम करना चाहते थे। जिस देश में हुकूमत के ख़िलाफ़ उफ़ करना गुनाह हो वहां उन्होंने नागरिक अधिकारों और मानवाधिकारों की रक्षा सरकार की आतंकवाद के पोषण की नीति और जनविरोधी नीतियों के विरोध में एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया। उनके साथ हकपसंदों का एक विशाल जनसमूह था जिसमे शिया-सुन्नी दोनों बड़ी तादाद में थे।ये उनके द्वारा छेड़ी गयी क्रांति का नतीजा था की सऊदी हुकूमत को उन्हें दबे कुचलों के लिये सड़क पर निकलने के लिए सन् 2006 सन2008सन् 2009 सन 2011 में बार-बार गिरफ़्तार करना पड़ा। और आख़िर में सन 2012 में गोली मारकर गिरफ्तार करना पड़ा।और आख़िरकार सऊदी अरब की दरबारी अदालत ने सऊदी बादशाहत के दबाव में मौत का फरमान सुना दिया और 2 जनवरी 2016 को उन्हें फाँसी की सज़ा देकर शहीद कर दिया। वो सऊदी हुकूमत द्वारा प्रचलित उस साहित्य के विरोधी थे जिससे आतंकवाद पनप रहा है।आप सऊदी अरब में अखबारात और टेलीविज़न पर लगने वाली पाबन्दी के खिलाफ थे।और हुकूमत नवाज़ मीडिया के भी विरोधी।उनका मानना था की मुफ्तियों और इमामे हरम की नियुक्ति के लिये एक बोर्ड होना चाहिये।जिसमे हर फ़िरके का प्रतिनिधित्व हो। उनके अज़ीम जीवन के बारे में कम शब्दों में बयान करना आसान नहीं बस इतना कहा जा सकता है की आतंकवाद एक तानाशाह हुकूमत के ख़िलाफ़ और जन साधारण के हक़ न्याय के लिए लड़ने वाला सऊदी अरब का महात्मा गांधी शहीद कर दिया गया। पर व्यक्ति मरता है विचार नहीं। उनकी क़ुरबानी रंग लायेगी आतंकवाद और सऊदी हुकूमत नेस्तनाबूद होगी। न्याय का राज होगा।

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