Saturday 16 January 2016

शिराज़-ए-हिन्द जौनपुर का एक गाँव जिसने दिए 47 आई0ए0एस0 अधिकारी।

उत्तर प्रदेश का ज़िला जौनपुर जो किसी दौर में पूरी दुनिया का शिक्षा का केंद्र था इसीलिये इसे शिराज़-ए-हिन्द के नाम से ख्याति मिली। शेर शाह सूरी ने यहीं से शिक्षा ग्रहण की। यहाँ के एक गांव कजगांव में गुज़रे दौर का हास्टल इस बात का गवाह है। जब यहाँ से दर्जनों विद्वानों की पालकी निकलती थी। वर्तमान समय में भी जनपद मुख्यालय से कोई 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिरकोनी ब्लॉक के गांव माधोपट्टी ने एक नहीं दो नहीं बल्कि 47 आईएएस और पीसीएस अधिकारी दिए जो विभिन्न राज्यों और विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहाँ के बच्चे इसरो -भाभा, मनीला और विश्व बैंक में भी अधिकारी हैं। सबसे पहले इसका आग़ाज़ तब हुआ जब विश्वप्रसिद्ध शायर वामिक जौनपुरी के पिता मुस्तफा हुसैन ने 1914 में पीसीएस परीक्षा पास की। 1952 में इंदु प्रकाश सिंह ने आईएएस परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की। फिर तो जैसे सिलसिला बन गया।यहाँ तक की एक ही परिवार में कई आईएएस हुये। पिछले साल गाँव की एक बहु ने पीसीएस परीक्षा में टॉप किया था। पर अफ़सोस की बात ये की किसी ने पलटकर इस गांव की सुध नहीं ली।इस अहमतरीन और क़ाबिले ज़िक्र गाँव में प्राथमिक सुविधाओं का अभाव है। टूटी सड़के है और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएँ भी नहीं नहीं हैं। ग्रामवासियों को इसके लिये दूर जाना होता है। सिर्फ एसपी सिंह जो इस समय नगर विकास सचिव हैं और गांव के बारे सोचा तो पानी की टंकी लग  बन गयी और बीएसएनएल का टावर लग गया।पर न उम्मीदी में उम्मीद की किरन तब जगी जब एक अरसे से सोशल मिडिया और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया में चर्चित इस गांव  की सुध मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ली और माधोपट्टी गांव को जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना में शामिल किया गया। इसके सुनते ही ग्रामवासियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी।मुख्यमंत्री के इस क़दम से गांव का हर व्यक्ति खुश है की अब ज़रूर विकास होगा।

No comments:

Post a Comment