Saturday 2 January 2016

आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्षरत शेख़ बाकिर को सऊदी में फाँसी।


आतंकवाद के ख़िलाफ़ पूरी ज़िन्दगी संघर्ष करने वाले सऊदी अरब के नागरिकों के अधिकारों और मानवाधिकार की रक्षा के लिए लड़ने वाले आयतुल्लाह शेख़ बाकिर निम्र को सऊदी हुकूमत ने अन्य 46 लोगों के साथ फाँसी दे दी गयी।सऊदी अरब हुकूमत का असली चेहरा सामने आया जब सऊदी अरब के प्रसिद्ध शीया धर्मगुरु और संघर्ष करता शेख़ बाकिर निम्र को फाँसी दी गयी।पहले ही पूरी दुनिया के पैमाने पर सऊदी हुकूमत को लादेन isis सहित अन्य आतंकवादी संगठनो को मदद करने के आरोप लगते रहे हैं।शेख बाकिर ने जीवन भर सऊदी शासकों के किर्या कलापों  की आलोचना की और कहते थे की अंतिम साँस तक वह सऊदी अरब के नागरिकों के अधिकारों के लिये लड़ते रहेंगे। हक़ न्याय नागरिक अधिकारों की सुरक्षा और आतंकवाद के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन और लड़ते रहने के कारण उन्हें कई बार गिरफ्तार भी किया गया और भारी जनसमर्थन के चलते उन्हें रिहा भी किया गया। कहाँ तो पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात कही जाती है वहीँ न्याय और हक़ के खिलाफ विपरीत हालात में लड़ने वाले  आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करने वाले सत्यवादी मुजाहिद को फाँसी दी जाय ये कहाँ का न्याय है। सनद रहे की ईरान सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं  और मानवाधिकार केंद्रों ने सऊदी हुकूमत को सचेत किया था की वो इस कृत्य से बाज़ आय। बहरहाल सऊदी हुकूमत का चेहरा बेनक़ाब हुआ और आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने वाला एक सच्चा सिपाही शहीद हुआ। क्या दुनिया अब भी सऊदी हुकूमत  के दोहरे चरित्र को समझेगी। बेशक शेख बाकिर की क़ुर्बानी बेकार नहीं होगी । आतंकवाद और उनके सहयोगियों के खिलाफ जंग तेज़ होगी।

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