आजमगढ़ ज़िला मुख्यालय पर आयतुल्लाह शेख़ बाकिर की फाँसी के विरोध में जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंगलवार को सुबह से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हर गली मोहल्ले से हाथों में काले झंडे और तख्तियां लिए हुये सऊदी हुकूमत मुर्दाबाद,आतंकवाद मुर्दाबाद,बाकिर तेरे अरमानो को मंज़िल तक पहुंचाएंगे के नारों के साथ ज़िला मुख्यालय की तरफ बढ़ना शुरू किया। देखते-देखते दोपहर होते-होते पूरा कलेक्ट्री चौराहा प्रदर्शनकारियों से जाम हो गया। चारों तरफ सिर्फ प्रदर्शनकारियों के कुछ दिख नहीं रहा था।फिर ये उत्साही जुलूस महाराजा अग्रसेन चौक एसएसपी कार्यालय होते हुये।सीधे उपजिलाधिकारी सदर कार्यालय पहुंचा जहाँ उच्चायुक्त सऊदी अरब को संबोधित विरोध स्वरुप आक्रोशित पत्रक सौंपा। मौलाना ज़मीरुल हसन बनारस जुलुस की सदारत कर रहे थे इनके साथ-साथ मौलाना इक़रार हुसैन,मौलाना नदीम असग़र,मौलाना ऐजाज़ हसनैन सहित कई उलमा मौजूद रहे। इस विशाल और ऐतिहासिक प्रदर्शन को कामयाब बनाने में ज़ीशान अली, असग़र मेहदी नजमी,अज़ादार हुसैन चुन्ना,जज़्बी मोहम्दाबाद,फरमान हैदर,जमील हैदर, रेहान आज़मी,अरशद हुसैन,शकील हैदर आदि ने पुरज़ोर कोशिश की। जुलूस में शामिल अन्य प्रमुख लोगों में जर्रार हुसैन,एहतेशाम हुसैन,हाशिम,ज़फर आज़मी,तनवीर अहमद आदि रहे। कार्यक्रम की सफलता पर आयोजकों ने सभी का शुक्रिया अदा किया। इस सफल प्रोग्राम की एक विशेष्ता और रही की इसमें हर धर्म और हर वर्ग के लोग शामिल रहे।
Tuesday, 5 January 2016
Monday, 4 January 2016
जौनपुर में शाही किला गेट पर विशाल विरोध सभा संपन्न।
आतंकवाद मुर्दाबाद , सऊदी हुकूमत मुर्दाबाद,के गगन भेदी नारों के बीच शेख़ बाकिर निम्र के फाँसी के विरोध में शाही किले पर विशाल ऐतिहासिक सभा संपन्न हुई। इस ऐतिहासिक विशाल विरोध सभा को संबोधित करते हुये सभी वक्ताओं ने एक स्वर से सऊदी हुकूमत के इस कृत्य की निंदा करते हुये कहा की शेख़ बाकिर का नाम पूरी दुनिया में ज़िंदा है और आतंकवाद के विरोध का प्रतीक है पर सऊदी हुकूमत और आतंकवाद का ख़ात्मा निश्चित है। विरोध सभा में उमड़े जनसैलाब से उत्साहित वक्ताओं ने कहा की ये तो महज़ झांकी और अभी बड़े प्रदर्शन की तैयारी है। वक्ताओं ने सचेत किया की आतंकवाद की हमदर्द और सहयोगी सऊदी हुकूमत का चेहरा पूरी दुनिया में बेनक़ाब हो चुका है। विरोध सभा की सदारत हाजी मीर असग़र ने तथा संचालन तनवीर अब्बास शास्त्री ने किया। धरना सभा को मौलाना महफ़ुज़ूल हसन, मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी , असलम नक़वी, प्रिंस, बाक़र मेहदी रिज़वी सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों ने संबोधित किया।प्रोग्राम को सफल बनाने में अहमद अली प्यारे भाई, रूमी,मीसम,रमी मिर्ज़ा,मीज़म,रहबर साजिद माजिद,ताहिरआदि का सक्रिय योगदान रहा।अज़ादारी कौंसिल के सदर मास्टर नसीम , गुडडू जौनपुरी सहित सभी पदाधिकारी भी पूरी सक्रियता से उपस्थित रहे। इस अवसर पर क़मर हसनैन दीपू,आज़म ज़ैदी आदि उपस्थित रहे।अंत में आयोजकों ने शहर के कोने-कोने से आये लोगों का शुक्रिया अदा किया।
Sunday, 3 January 2016
आजमगढ़ में मंगलवार 5 जनवरी को रिक्शा स्टैंड पर विशाल धरना/प्रदर्शन। शेख़ बाकिर की फाँसी से आक्रोश।
आतंकवाद को जड़ से मिटाने, आतंकवाद के समर्थकों हमदर्दों को नेस्तनाबूद करने और आयतुल्लाह शेख़ बाकिर की फाँसी के विरोध में आजमगढ़ में 5 जनवरी दिन मंगलवार को समय 1 बजे रिक्शा स्टैंड पर विशाल धरना/प्रदर्शन आयोजित किया गया है।ग़ौरतलब है किआतंकवाद की समर्थक एवं पोषक सऊदी हुकूमत द्वारा सत्यवादी अहिंसावादी सऊदी अरब के नागरिक अधिकारों, मानवाधिकार की सुरक्षा और आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने वाले मुजाहिद शेख़ बाकिर निम्र को फाँसी दिए जाने के बाद से पूरे विश्व में शिया समुदाय आक्रोशित है।इसी क्रम में रविवार को आजमगढ़ में रात्रि 8 बजे अज़खानाये अबुतालिब मोहल्ला कटरा में शिया समाज के लोगों ने आपात बैठक की। अज़ादार हुसैन चुन्ना की सदारत तथा असग़र मेहँदी नजमी के संचालन में चली इस बैठक में मंगलवार को रिक्शा स्टैंड पर ऐतिहासिक विशाल धरना/प्रदर्शन आयोजित किया गया। बैठक में उपस्थित लोगों ने एक स्वर से आजमगढ़ के अमनपसंदों से भारी तादाद में पहुचने की अपील की है। ग्रामीण अंचलों से भी काफी संख्या में लोग पहुँचने की उम्मीद है।बैठक में उपस्थित प्रमुख लोगों में सर्वश्री जमालभाई ज़ीशान अली, जर्रार हुसैन,एहतेशाम हुसैन, जमील हैदर,तनवीर अहमद,हाशिम, ज़फर आज़मी, वसीम माहुल आदि रहे।
जौनपुर में शाही किला गेट पर विशाल विरोध सभा आज। समाज के अमनपसंदों से शिरकत की अपील।
इस दुनिया के अब तक के इतिहास में आतंकवाद से सीधी जंग हज़रत इमाम हुसैन और उनके चाहने वालों ने लड़ी है। यही वजह है की अधिकतर इनके निशाने पर हुसैनी होते हैं और अबतक सबसे अधिक क़ुरबानी हुसैनियों ने ही दी है। ये अलग बात की अमेरिका और फ्रांस में जब कोई घटना हो तो देश से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ख़ूब हाईलाइट करता है पर जब हुसैनी समाज के हज़ारों लोग आतंकवादी हमले में शहीद होते हैं शेख़ बाकिर जैसे योद्धा को सऊदी अरब की आतंकवाद समर्थक हुकूमत फाँसी देती है तो जैसे मीडिया को सांप सूंघ जाता है। आतंकवाद के विरोध में घंटों बहस करने वाले शेख़ बाकिर जैसे आतंकवाद के विरोध में लड़ने वाले सच्चे सिपाही की फाँसी पर कुछ नहीं कहते। ऐसे दोहरे मापदंडों से आतंकवाद के विरोध की लड़ाई कमज़ोर पड़ती है। आज सोमवार को जौनपुर के हुसैनी समाज ने शाही किला गेट पर विशाल विरोध सभा का आयोजन कर समाज के सभी अमनपसंदों को आमंत्रित किया है। हुसैनी समाज का आवाहन है की आइये आतंकवाद के विरोध की लड़ाई तेज़ करते हुये शेख़ बाकिर की क़ुरबानी को याद किया जाय।
शेख़ बाकिर की फाँसी का प्रकरण गरमाया।जौनपुर में सोमवार को शाही किला पर विरोध सभा।
पूरे सऊदी अरब में आतंकवाद के ख़िलाफ़ सबसे मज़बूत आवाज़ मानवाधिकार के रक्षक और नागरिक अधिकारों के लिए निरंतर संघर्षरत शिया धर्मगुरु शेख़ बाकिर की फाँसी से शिया समुदाय में ज़बरदस्त रोष व्याप्त है। इसी क्रम में रविवार को एक बैठक का आयोजन किया गया। प्यारे भाई की सदारत में चली इस बैठक को संबोधित करते हुये सभी का एक स्वर से कहना था की सऊदी हुकूमत आतंकवाद की पोषक और सहयोगी है जो भी आतंकवाद का विरोध करेगा उसे ये फाँसी दे देगें। वक्ताओं का कहना था की शेख़ बाकिर की क़ुरबानी रंग लायेगी और आतंकवाद उनके समर्थक हमदर्दों का दुनिया से सफाया होगा। बैठक में उपस्थित लोगों ने सभी अंजुमनों शिया धर्मगुरुओं से तथा ज़िम्मेदार लोगों से संपर्क कर विशाल शांति मार्च/प्रदर्शन ज़िला मुख्यालय पर किया जायेगा। आहत शिया समाज ऐतिहासिक प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट करेगा। इस सिलसिले में सोमवार को एक विरोध सभा का आयोजन शाही किला गेट पर सांय 3 बजे किया गया है। जिसमे हर समाज के अमनपसंद लोगों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में प्रमुख रूप से मेंहदी हसन रूमी,अ रमी मिर्ज़ा,मीज़म ,कुमैल आदि लोग उपस्थित रहे। सदारत कर रहे प्यारे भाई ने सोमवार की सभा कामयाब करने की अपील की है।
Saturday, 2 January 2016
आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्षरत शेख़ बाकिर को सऊदी में फाँसी।
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Friday, 1 January 2016
मछलीशहर का तारीख़ी 60 वां ईदमिलादुन्नबी का जुलूस संपन्न।
जौनपुर। मुख्यालय से कोई 30 किलोमीटर की दूरी पर इलाहाबाद् रोड पर स्थित तहसील मछलीशहर का ऐतिहासिक 60 वां ईदमिलादुन्नबी का जुलूस गुरुवार की शाम साढ़े पांच बजे शुरू होकर सुबह साढ़े पांच बजे ख़तम हुआ।अपने परम्परागत रास्ते नवाब युसूफ रोड से उठकर सरांय होते हुये शाही रोड की तरफ से जामा मस्जिद के मैदान में ख़त्म हुआ।60 साल पुराने इस ऐतिहासिक जुलूस में स्थानीय 12 तथा बाहरी अंजुमनों ने भाग लिया। इस तारीख़ी जुलूस में जौनपुर प्रतापगढ़ और इलाहाबाद के काफी तादाद में लोगों ने शिरकत की। जुलूस में 30 फिट के 12 परचम भी रहे। जो काफी चर्चा में थे।इस मौके पर सारी मस्जिदों को दुल्हन की तरह सजाया गया था।सीरत कमेटी के सदर शमसुल इस्लाम महासचिव महमूद अहमद अंसारी। सामाजिक कार्यकर्त्ता नज़रुल इस्लाम और मेराजुद्दीन ख़ान ने सभी अंजुमनों सजावट कमेटियों और आये हुये लोगों का शुक्रिया अदा किया।
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