जौनपुर। जनपद मुख्यालय से कोई 20-25 किलोमीटर दूर सुल्तानपुर रोड पर स्थित बख्शा ब्लाक के दक्खिनपट्टी रन्नो ग्राम की जुलूसे अमारी विश्वविख्यात है।यहाँ पूर्वांचल के समस्त ज़िलों सहित देश के कोने-कोने ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं।इस अमारी में पचास हज़ार से लेकर पचहत्तर हज़ार तक की तादाद में लोग शिरकत कर चुके हैं।10 बीघे में तो चार पहिया और दुपहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था होती है। एक सुबह से सुल्तानपुर रोड पर जो काले लिबास में दुपहिया-चारपहिया वाहनों से अज़ादारो के आने का सिलसिला शुरू होता है वो कहीं रात में ही जाकर थमता है।हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में उनका ग़म मनाने या यूं कहें की आतंकवाद के विरुद्ध जमकर विरोध प्रदर्शन करने हुसैन के चाहने वालों की भारी तादाद के बीच सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आयोजकों की तरफ से न जाने कितने कुंतल खाने का इंतज़ाम होता है। इतना ही नहीं पूरे ग्राम में जगह-जगह घर-घर खाने-पीने का इफरात इंतेज़ाम होता है।सन् 2002 में मौलाना हसन अकबर ख़ान जो इस प्रोग्राम के मुख्य कर्ता धर्ता हैं ने अपने सहयोगियों के साथ इसे क़ायम किया था जो मात्र 14 साल के सफ़र में कामयाबी की मंज़िल तय कर चुका है।हमसे इस प्रोग्राम के बारे में बात करते हुये हसन अकबर साहब ने बताया कि इस साल दुनिया का सबसे ऊँचा 133 फिट काअलम उठाया जायेगा।देश दुनिया के जितने भी मशहूर खतीब नौहेख्वां है लगभग सभी यहाँ आ चुके हैं। कर्बला के मक़तल की मंज़र कशी के मंज़र का जवाब नहीं। इलाके भर के हर क़ौमों मिल्लत के लोग यहाँ ज़रूर आते हैं। क्योंकि जो भी हक़परसत है सत्यवादी है।न्यायप्रिय है। मज़लूम है वो हुसैनी है और जहाँ हुसैन हैं वहां आतंकवाद हो नहीं सकता जहाँ आतंकवाद वहां हुसैन नहीं हो सकते। बिना हुसैन के दीन इस्लाम की कल्पना भी नहीं हो सकती। जो हुसैनी फ़िक्र है वही हमारे मुल्क की मूल आत्मा है। हुसैन और हिंदुस्तान को कोई जुदा कर नहीं सकता या हुसैन जय हिन्द।
SubhanAllah jazakallah khairall jaza
ReplyDeleteThanks brother. Malik salamat rakhe.
DeleteSubhanAllah jazakallah khairall jaza
ReplyDeleteJazakallah khair Al jaza
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