Saturday 5 December 2015

सीटें पांच ख़्वाब प्रधानमंत्री के।



आज समाचारपत्रों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ये बयान प्रमुखता से छपा है की मुलायम पी एम राहुल डिप्टी पी ऍम अखिलेश का महागठबंधन फार्मूला।सूबे में प्रचंड बहुमत के साथ हुकूमत में आयी सपा सरकार को तब भारी झटका लगा जब लोकसभा सामान्य निर्वाचन2014 में उसे महज़ 5 सीटें मिली।फिर हाल ही में बिहार विधान सभा चुनाव में हुये दुर्गति के बाद भी ऐसे बयान पर ग़ालिब के शेर की कड़ी याद आती है कि दिल को बहलाने को ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है।दरअसल यूपी में महागठबंधन के आसार फिलहाल तो नहीं लगते।सपा को लगता है की अगर गठबंधन की ज़रूरत है तो जो भी आना चाहे हमारे पीछे आ जाय। और बसपा को लगता है की मुलायम और मोदी से मोहभंग के बाद हम एकमात्र विकल्प हैं फिर गठबंधन की आवश्यकता ही नहीं रह जाती यही दोनों की भूल और गलत फहमी है। जबकि बिहार में पिछले कई दशक से नितीश और लालू ही सत्ता में रहे थे।और वहां के प्रमुख प्रादेशिक दल थे।फिर भी सारी ग़लत फ़हमियों खुशफहमियों और अहंकार को भूलकर लोकसभा चुनाव के नतीजों से सबक़ लेते हुये स्वार्थ सत्ता लोलुपता से ऊपर उठकर महागठबंधन बनाकर अमल करके भाजपा को हराकर मिसाल क़ायम की पर यूपी में सब मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री पहले बन रहे हसीन गठबंधन बाद में। तो ऐसी सोच से कामयाबी नहीं मिलने वाली।

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