Wednesday 30 December 2015

जौनपुर के शाही किले के पीछे कूड़ाघर। क्या यही है शहर का सुंदरीकरण ?

जौनपुर का शाही किला जो ऐतिहासिक धरोहर है।न जाने कितनी ऐतिहासिक घटनाये इससे जुड़ीं हैं। भारतीय पुरातत्व विभाग इसकी सुरक्षा और संरक्षा में लाखों-करोड़ों ख़र्च करता है। कभी दीवारों की उसी ऐतिहासिक स्वरुप में मरम्मत पुनर्निर्माण और बेहतर रख-रखाव और सुंदरीकरण के लिये न जाने कितने इंतज़ाम कर्मचारियों की पर्याप्त मात्रा में व्ययवस्था। पर इसके ठीक विपरीत जौनपुर नगर पालिका प्रशासन बे खौफ़ होकर किले की पश्चिमी दीवार के पीछे जहाँ से सदभावना पुल का संपर्क मार्ग गुज़रा है वहां बाक़ायदा कूड़ा घर बना रखा है। शहर के नाले की खुदाई का कीचड़ कूड़ा गंदगी यहाँ इफरात है।उसपर से सूअरों का जमावड़ा इस पूरे माहौल को और वीभत्स बनाता है। सवाल ये है की ये कूड़ा घर क्या किले की शोभा बढ़ा रहा है। या फिर भारतीय पुरातत्व विभाग के सुरक्षा -संरक्षा के प्रयासों को ठेंगा दिखाना नहीं तो और क्या है। और इस कूड़े गन्दगी से किले के अस्तित्व को ख़तरा नहीं है। काश नगर पालिका प्रशासन इस सच को समझ पाता और इस कृत्य से बाज़ आता।देखें क्या होता है।

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